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कैट ने ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण नियमों को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की

संवाददाता :- सागर बत्रा रायपुर

रायपुर,न्यूज़ धमाका :- कैट द्वारा मुंबई से एक देशव्यापी आक्रामक अभियान छेड़ने की घोषणा कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी,प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी,कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव,परमानन्द जैन,महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह,ने बताया कि तीन दिन पहले दिल्ली में फ़्लिपकार्ट ई कॉमर्स कंपनी के ज़रिए से तेज़ाब मँगवाकर एक 17 वर्षीय युवती को झुलसा देने की दुखद घटना के बाद अब पूरे देश में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के ख़लिफ़ एक ज़बरदस्त माहौल बन गया है और केंद्र सरकार से माँग की जा रही है.

अब ई कॉमर्स पर नीति के मामले में ढीला रवैया छोड़कर सख़्त क़ानून एवं नियमों को तुरंत लागू किया जाए । देश भर के व्यापारी इस बात से बेहद परेशान हैं की पिछले अनेक वर्षों से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियाँ देश के क़ानून और नियमों की अनदेखी कर रही हैं लेकिन सब कुछ जानते हुए भी न तो केंद्र सरकार एवं न ही किसी राज्य सरकार ने इस पर कोई सख़््त कदम उठाया है इस कारण से अब धीरे धीरे देश भर के व्यापारियों का सरकारों और राजनैतिक दलों से मोह भंग हो रहा है इस मुद्दे पर अब कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अब सीधी और निर्णायक लड़ाई छेड़ने का निर्णय लिया है और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों और एक मजबूत ई-कॉमर्स नीति को तुरंत लागू करने की माँग को लेकर देश भर में एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की है.

जिसका आरंभ कैट मुंबई से करेगा कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष परमानन्द जैन ने बताया कि कैट ने पूना में आयोजित एक व्यापारी सम्मेलन में कहा की यह दोनों विषय सरकार के पास पिछले तीन वर्षों से लंबित है लेकिन अभी तक न तो नियम लागू किए गए एवं न ही ई कॉमर्स पालिसी लागू की गई जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार बार ज़ोर देकर यह कहा है की व्यापार में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को स्थापित किया जाए किंतु अधिकारी प्रधानमंत्री की यह बात मानने को तैयार ही नहीं है बेशक ये विदेशी ई कॉमर्स कंपनियाँ देश के छोटे व्यापारियों के व्यापार को डस ले अथवा सरकार को जीएसटी के राजस्व का मोटा चूना लगाती रहें ।

उन्होंने कहा की क्या कारण है की ये कंपनियाँ खुलेआम सामान के मूल्य निर्धारण को नियंत्रित करते हैं लागत से भी कम क़ीमत पर सामान बेचते हैं, ये बड़े पैमाने पर डिस्काउंट देते हैं, बैंक भी इन कम्पनियों के साथ अवैध साथ गाँठ कर कैशबैक के ज़रिए ग़लत व्यापार में सहयोग देते हैं तथा बड़े ब्रांड वाली कंपनियों के साथ ये ई कॉमर्स कंपनियाँ एक्सक्लूसिव गठजोड़ कर अपने कुछ उत्पाद केवल ई- कॉमर्स पर ही बेचती हैं और तथ्य यह है की सरकार की एफ़डीआई पालिसी में यह सब सख़््ती से प्रतिबंधित है लेकिन इन नियमों का खुला मजाक ये विदेशी कम्पनियाँ उड़ा रही गईं और सभी सरकारें चुप हैं क्यों यह नहीं पता पारवानी एवं जैन ने कहा की फ्लिपकार्ट पोर्टल से तेजाब खरीदना या ई-कॉमर्स पोर्टल से वर्जित वस्तुएं प्राप्त करने का यह पहला उदाहरण नहीं है.

इससे पहले पुलवामा हमले के लिए बम बनाने में जो समान इस्तेमाल किया गया था वो आमेजन ई-कॉमर्स पोर्टल से खरीदा गया था और एमपी पुलिस द्वारा पिछले साल जब्त की गई बड़ी मात्रा में गांजा भी अमेज़न से खरीदा गया था लेकिन आज तक अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है और ये कंपनियां हर प्रकार नियमो को नजरअंदाज करने के बावजूद मुक्त हैं। ये कंपनियां दावा करती हैं कि वे मध्यस्थ की भूमिका में हैं जो की सरासर गलत हैं क्योंकि उनके पास अपने स्वयं के गोदाम और नियंत्रण सूची है (हालांकि उन्हें एफडीआई नीति के तहत अनुमति नहीं है) पारवानी और जैन दोनों ने गहरा खेद व्यक्त किया.

कि उनकी व्यावसायिक गतिविधियों की संदिग्ध प्रकृति के बावजूद,सरकार ने इन कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन में प्रवेश किया है जो सरकार से डेटा की संप्रभु संपदा प्राप्त कर रही हैं सरकार को तुरंत इन कंपनियों के साथ अपने समझौते को समाप्त कर देना चाहिए पारवानी और जैन ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों को लागू करना पिछले दो वर्षों से अधिक समय से लंबित है,जो की विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय ई कॉमर्स बाज़ार और खुदरा व्यापार को अपनी स्वेच्छा के अनुसर नष्ट करने और प्रभावित करने का खुला रास्ता प्रदान कर रहा है भारत मे ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण बनने की कोशिश कर रही.

इन विदेशी कंपनियों द्वारा मोबाइल,एफएमसीजी,किराना, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं इलेक्ट्रॉनिक्स,खाद्यान्न आदि जैसे व्यापार वर्टिकल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं पारवानी और जैन ने कहा कि भारत के व्यापारियों को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से पूरी उम्मीद है, जिन्होंने हमेशा छोटे व्यवसायों के लिए न केवल इन कंपनियों के शातिर चंगुल से भारत के ई-कॉमर्स व्यापार को साफ करने के लिए, बल्कि तत्काल उनके चंगुल से भारतीय व्यापार को मुक्त करने के लिए भी काम किया है। ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स के लिए उपभोक्ता संरक्षण नियम भी बनाये हैं। इस बीच, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सभी लंबित जांच तेज की जानी चाहिए और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ।

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Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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