कांकेर न्यूज़ धमाका // शहर के गढ़िया पहाड़ में अज्ञात लोगों ने फिर आग लगा दी थी। जब आग की तेज लपटें फैली, तो दूसरे दिन फायर वाचर ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। शहर में राजापारा के गढ़िया पहाड़ की तरफ आगजनी पहाड़ में शुरू हो गई है। 10 दिन पहले भी गढ़िया पहाड़ में आगजनी की गई थी। शरारती तत्व पहाड़ में आग लगा रहे हैं। प्रतिवर्ष पहाड़ में इसी तरह से गर्मी के सीजन में आग लगा दिया जाता है। 31 मार्च को शाम 6 बजे के दौरान गढ़िया पहाड़ में आगजनी की गई थी।
पहले दिन जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए कोई नहीं आया। दूसर दिन 1 अप्रैल को एक जगह पर आगजनी की गई, जिससे गढ़िया पहाड़ के ऊपर तक आग की लपटे पहुंच गई। जब वार्डवासियों ने वन विभाग को पहाड़ में आग लगने की सूचना दी, तो दोपहर के दौरान फायर वाचर पहुंचे और आग को बुझाया।
महुआ बीनने के लिए जंगल में लगा रहे आग
वन परिक्षेत्र कोरर के अंतर्गत आने वाले जंगलों और पहाड़ियों में इन दिनों महुआ बीनने वालों द्वारा आग लगा दी जा रही है। इसके चलते आग धीरे-धीरे पूरे जंगल में फैसल रही है। अंचल के हेतारकसा, बारवी, हाटकर्रा, डोंगरगांव की पहाड़ियों व जंगल में आग की लपटे दिख रही है। वन विभाग द्वारा ग्राम में गठित समितियों द्वारा भी आग बुझाने को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। कोरर वन परिक्षेत्र में 51 वन प्रबंधन समितियां है, जो लगभग हर गांव में संचालित है। लेकिन इतनी समितियां और लोग होने के बावजूद हर साल गर्मियों में जंगलों और पहाड़ों में आग लगती है।