रायपुर,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को बस्तर की महत्वाकांक्षी बोधघाट सिंचाई परियोजना का मामला पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार तीन साल बाद भी डीपीआर तैयार नहीं करा सकी है। मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि सर्वे का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। बोधघाट सिंचाई परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) केंद्रीय उपक्रम वाप्कोस लिमिटेड गुड़गांव को सौंपा गया है।
इसके लिए सरकार ने 41.54 करोड़ रुपये की मंजूरी दे रखी है।प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बोधघाट परियोजना की प्रगति को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि परियोजना सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 22 हजार करोड़ की योजना है। सरकार ने बस्तर में बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर खेती का रकबा बढ़ाने का दावा किया था। बस्तर के विधायकों की बैठक भी हो गई, लेकिन अब तक डीपीआर भी तैयार नहीं हो पाया है।
मंत्री पटेल ने बताया कि परियोजना का डीपीआर तैयार करने के लिए फरवरी 2022 तक की समय सीमा तय की गई थी, जिसे बढ़ाया गया है। डीपीआर तैयार करने के लिए 41.54 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डा. चरण्ादास ने बोधघाट परियोजना पर आधे घंटे की चर्चा स्वीकृत की है।