रायपुर न्यूज़ धमाका /// आज एक दिसंबर से धान की सरकारी खरीदी शुरू हो गई। धान खरीदी की शुरुआत के साथ ही राज्य सरकार की ओर से केंद्र पर हमले और तेज हो चले हैं। CM भूपेश बघेल ने फिर केंद्र पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, जिस तरह से हमसे उसना चावल नहीं लेकर परेशान कर रहे हैं, उसी तरह बारदाना न देकर भी परेशान किया जा रहा है।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछले साल तो कोरोना की स्थिति थी। लॉकडाउन में फैक्ट्रियां बंद थीं तो भारत सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं करा पाई थी। तब समझ में भी आता था, लेकिन इस साल तो ऐसी कोई बात नहीं है। तब हमें बारदाना क्यों नहीं दिया जा रहा है। जितनी हमारी डिमांड है उतना तो हमें मिलना ही चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमें 5 लाख गठान की जरूरत है, वह हमें मिलना चाहिए। लेकिन वे नहीं दे रहे हैं। जिस तरह वे हमसे उसना चावल नहीं लेकर परेशान कर रहे हैं, उसी तरह बारदाना न देकर भी परेशान ही कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, तथ्य यह भी है कि पूरे देश में बारदाने का वितरण जूट कमिश्नर ही करता है। उसकी एक दर है। अगर हम टेंडर बुलाएं कि इतना बारदाना हमें दे दो तो कौन देगा हमें। यह जिम्मेदारी तो जूट कमिश्नर की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उनकी सरकार के समय धान खरीदी में केंद्र की ओर से अड़चन डालने का काम ही हो रहा है। कभी भारत सरकार ने नहीं कहा था कि बोनस देंगे तो चावल नहीं लेंगे। हमको बारदाना उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। उसना चावल के लिए कभी भारत सरकार ने मना किया है क्या? यह पहली बार हो रहा है कि वे उसना लेना बंद कर दिए हैं।उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार की अजीब स्थित है। ये कोयला उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। ये डीएपी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। वैक्सीन उपलब्ध नहीँ करा पा रहे हैं। अब तो बारदाना भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। कर क्या रही है केंद्र की सरकार। मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने प्रधानमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है। मंत्रिमंडल के साथ मुलाकात का समय भी मांगा है।