नई फसल पकने पर भारत में कई त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसे ही एक पर्व छत्तीसगढ़ में नवा खानी होता है। झारखंड में इस दौरान कर्मा त्योहार मनाया जाता है। भारत में हर मौसम और क्षेत्र का एक त्योहार है। छत्तीसगढ़ के बस्तर में बरसात के सीजन में नई फसल तैयार होने पर एक खास त्योहार मनाया जाता है, इसे नवाखानी कहते हैं। बस्तर धुरवा और हल्बा जनजाति बाहुल क्षेत्र है,जहां पिछले दिनों नवा खानी पर्व मनाया गया। परंपरा के अनुसार धान की नई फसल की बालियों की तोड़कर उन्हें आग में भूना जाता है।
सर्वप्रथम देवी माता को भोग – ग्रामीण सबसे पहले अनाज से घर की देवी को भोग लगाते हैं। फिर पूरा परिवार खाता है। बस्तर में नवा खानी त्योहार धान के अलावा आम के सीजन में ही मनाया जाता है। पिछले कई वर्षों से बस्तर में ग्रामीणों के बीच रह रहे सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण पर्टयन को बढ़ावा देने वाले शकील रिज़वी ने बताया कि बस्तर का पर्व नवा खानी में नई फसल को पकाकर गुड़ी में अर्पित करते हैं। इसमें बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी शामिल होते हैं। और गांव में घर-घर जाकर नाचते-गाते एक दूसरे को बधाई देते हैं। परंपरा के अनुसार धान की नई फसल की बालियों की तोड़कर उन्हें आग में भूना जाता है।