कानपूर न्यूज़ धमाका /// मां वो होती है जो खुद चाहे भूखी रह ले लेकिन अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रहने देती है। हाथ पकड़कर चलना एक मां ही सिखाती है। जैसे एक छोटा बच्चा अपनी मां पर विश्वास करता है कि वो उसे कभी गिरने नहीं देगी ठीक उसी तरह एक बुढ़ी मां को भी अपनी औलाद से उम्मीद होती है कि वो उनकी लाठी बनेगा।हालांकि,आज के समय में इसका उल्टा देखने को मिल रहा है मां तो अपने बच्चे को पालने में अपनी जवानी गवा देती है, लेकिन औलादे जवान होने के बाद भी अपनी बुढ़ी मां का सहारा नहीं बन पाते हैं।
मगर इस दुनिया कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मां की इज्जत करना जानते हैं और इस बात को थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने साबित किया है। अपने औलादों द्वारा ठुकराई गई महिला को रोहित तिवारी ने अपनी मां का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि “अब आपको रोने की कोई जरुरत नहीं है मैं आपका बेटा हूं। बेटों ने आपको घर से भगा दिया तो क्या हुआ आपकी पूरी जिम्मेदारी मैं उठा लूंगा”
दादा नगर लेबर कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति का कहना है कि उनके 3 बेटों ने अपनी मां को मार पीटकर घर से बाहर निकाला है। ये मामला 19 नवंबर, शुक्रवार रात का है। इस दौरान राकेश, कार्ति और शुभम नामक बेटों ने अपनी पत्नियों के साथ मिलकर अपनी मां को मार और घर से बाहर निकाल दिया। बुढ़े पति ने डर के कारण अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश नहीं की और अपने बेटों का साथ दिया। 112 डायल कर उन्होंने गोविंद नगर थाने में सूचना दी और खुद पर बीती सभी कहानी थानेदार रोहित को बताई।
उन्होंने बताया कि उनके बेटे उन्हे मारते पिटते हैं। घर-दुकान के साथ-साथ दूसरी संपत्ति को भी छीन चुके हैं। इतना ही नहीं पेंश तक के पैसे छीन लेते हैं। मार-पीट कर घर से बाहर निकालने के बाद वो सड़क पर रहने को मजबूर हो गई है। वहीं, थानेदार ने मां को अपनाते हुए खुद को उनका बेटा कहा, साथ ही भरोसा दिलाया की वो उन्हें इस समस्या से बाहर निकालेंगे।
मारपीट की धाराओं के तहत थानेदार रोहित तिवारी ने 3 बेटों के खिलाफ FIR दर्ज की। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आगे से अपनी मां को परेशान किया तो उन पर गंभीर तौर पर धाराएं लगाई जाएगी और जेल में बंद कर दिया जाएगा। बता दें कि थाना प्रभारी रोहित तिवारी की इस पहल को लेकर पुलिस कमिश्न असीम अरुण ने प्रशंसा की।