भिलाई,न्यूज़ धमाका :- जुर्माने की राशि को भिलाई निगम प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शहरी क्षेत्र में स्लाटर हाउस खोले जाने को लेकर एनजीटी ने शिकायत के आधार पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। खबर है कि जुर्माने की राशि ढाई करोड़ रुपये से पार हो गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। राधिका नगर स्थित स्लाटर हाउस को लेकर एनजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि बढ़ती जा रही है।
स्लाटर हाउस का स्थानीय स्तर पर जमकर विरोध हो हुआ था। आरोप था कि लाकडाउन की आड़ में स्लाटर हाउस के निर्माण को गाइड लाइन का उल्लंघन किया गया था। राज्यपाल को भी पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया था।
बता दें कि भिलाई के राधिका नगर में साडा कालीन (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण भिलाई) स्लाटर हाउस है। 2018 में भिलाई निगम द्वारा इसे अत्याधुनिक नवनिर्माण किया जा रहा है। इसे लेकर एनजीटी ने भिलाई निगम पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। भिलाई निगम का कहना है कि विवाद पुराने स्लाटर हाउस को लेकर है। नए स्लाटर हाउस के लिए तो केंद्र सरकार ने 17 करोड़ रुपये दिए हैं।
एनजीटी ने लगाया था दो करोड़ रुपये का जुर्माना
स्लाटर हाउस के निर्माण को लेकर स्थानीय समाजसेवी मदन सेन ने एनजीटी को पत्र लिखकर हस्ताक्षेप की मांग की थी। एनजीटी ने पत्र के आधार पर भिलाई निगम पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जिसकी ब्याज की राशि लगातार बढ़ती जा रही है। खबर है कि राशि ढाई करोड़ रुपये से पार हो चुकी है। जुर्माने को भिलाई निगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। निगम प्रशासन का कहना है सबकुछ नियम के तहत है।