गरियाबंद,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मंगलवार को नगर में कबीर साहेब का 625वां प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गांधी मैदान के समीप कबीर साहेब के अनुयायियों ने कबीर संगोष्ठी तथा कबीर भजन का आयोजन किया।
संगोष्ठी में द्युरू कबीर साहेब के जीवन दर्शन, धार्मिक व आध्यात्मिक संदेश, मानव कल्याण के लिए दिये गये उपदेश, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता व समरसता तथा सर्वधर्म समभाव के वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता के विषय में चर्चा की गई। इसके साथ ही कबीर साहेब की आरती कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संत गुरुभूषण साहेब थे। उन्होंने कहा कि कबीर ने लोगों को प्रेम का पाठ पढ़ाया, अच्छे कर्म करने का संदेश दिया। ऐसा कर्म करो कि कर्म ही पूजा बन जाए। संत ने कहा कि हम सभी कार्यों के लिए कार्य योजना बनाते हैं लेकिन जीवन कैसे जीना है और क्यों जीना है इसके लिए कार्य योजना तय नहीं करते, इसलिए हमारे जीवन में दुख है। आज लोगों को कबीर की वाणी की आवश्यकता है।
कबीर एक अकेले ऐसे संत हैं जिनको सभी धर्म संप्रदाय के लोग मानते हैं क्योंकि कबीर ने लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया। संत श्री अनुकरण साहब ने कहा कबीर के चिंतन दर्शन से समाज को सधाा अध्यात्म का बोध होता है। इस अवसर पर साहू समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू ने कहा कि हमे संत कबीर की शिक्षा के माध्यम से समाज में मिलजुल कर रहने व जात-पात का भेदभाव खत्म करने का संदेश देना चाहिए।
उनके जीवन काल में किए गए समाज सुधारक कार्यो से हमें प्रेरणा लेकर समाज में फैली बुराइयों जैसे नशा, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी को दूर को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्राम का आभार सत्यप्रकाश मानिकपुरी ने किया।
कार्यक्रम में मानिकपुरी समाज के अध्यक्ष प्रशांत मनिकपुरी, कश्यप समाज के अध्यक्ष चोवा राम कश्यप, पिंजारा समाज के अध्यक्ष रेखचन्द लौतरे, पटेल समाज के अध्यक्ष रोशन पटेल, देवांगन समाज के अध्यक्ष सोहन लाल देवांगन, निर्मलकर समाज के जिला संरक्षक केशर निर्मलकर, सिख संमाज के संरक्षक बलदेव सिंह हुंदल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्षा मिलेश्वरी साहू, पार्षद रिखीराम यादव, विमला साहू, वंश गोपाल सिन्हा, अधिवक्ता लोकनाथ साहू सहित नंदलाल साहू, विजय कुमार साहू, सुरेश मानिकपुरी, ईश्वरी विजय कश्यप, देवनाथ पटवारी, संतोष खापर्डे, षडानन सर्वांकर सहित बड़ी संख्या में लोग कबीर साहेब के प्राकट्य महोत्सव में शामिल हुए।