कोरबा,न्यूज़ धमाका :- भू- विस्थापितों को नौकरी की मांग लेकर कुसमुंडा खदान में प्रभावितों ने सात घंटे काम बंद करा प्रदर्शन किया। इससे खदान का कामकाज प्रथम पाली में प्रभावित रहा। इसके बाद आंदोलन स्थगित करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि नियुक्ति पत्र नहीं मिलता है तो पुनः अनिश्चितकालीन काम बंद कराया जाएगा। प्रबंधन द्वारा आश्वस्त किया गया कि 15 भू- विस्थापितों की फाइल मुख्यालय भेजी गई है और जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड की कुसमुंडा खदान के प्रभावित गांव के भू-विस्थापित नौकरी की मांग लेकर 176 दिन से लगातार धरना दे रहे हैं। भू- विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले जारी आंदोलन के दौरान चार बार खदान को बंद कराया गया और प्रत्येक बार आश्वासन मिलने पर आंदोलन खत्म किया गया।
बावजूद प्रबंधन ने नियुक्ति पत्र दिया। इस पर नाराज भू- विस्थापितों ने रविवार को खदान में उतर विस्तार कार्य बंद करा दिया। उनका कहना था कि पहले उनकी मांग पूरी की जाए, उसके बाद आंदोलन स्थगित किया जाएगा। आंदोलन की वजह से प्रथम पाली में विस्तार कार्य बंद रहा। इस दौरान एसईसीएल के अधिकारी आंदोलन स्थल पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर जानकारी दी कि 14 भू-विस्थापितों की फाइल बिलासपुर भेजी गई है और एक मई तक कुछ लोगों को रोजगार मिल जाएगा, साथ ही अन्य सभी भू- विस्थापितों को रोजगार जल्द मिल जाएगा।
आश्वासन के बाद भी भू-विस्थापितों का कहना था कि प्रबंधन टालमटोल की नीति अपना रहा है। हालांकि बाद में समझाइश दिए जाने पर आंदोलन स्थगित किया गया। संघ के सचिव दामोदर श्याम ने कहा कि एक मई तक सभी भू- विस्थापितों को रोजगार नहीं मिलने पर खदान विस्तार कार्य को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जाएगा। इस दौरान आंदोलन स्थल में काफी संख्या में पुलिस बल भी उपस्थित रहा।
आंदोलन के दौरान प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, राधेश्याम कश्यप, जय कौशिक,दामोदर श्याम, गणेश प्रभु, मोहनलाल यादव, बलराम कश्यप, अमरपाल, बजरंग सोनी, बृजमोहन, अशोक मिश्रा, बेद राम, हेमन प्रसाद, रघुनंदन, रघु, अनिल, पंकज, किरण, नागेर्श्वर, नरेंद्र यादव,नरेश,उत्तम के साथ काफी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित रहे।
भू-विस्थापितों को गुमराह न करें एसईसीएल प्रबंधन
भू-विस्थापितों के नेता दामोदर श्याम ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे के प्रति गंभीर नहीं है प्रबंधन भू-विस्थापितों को गुमराह कर आपस में लड़ाना चाहता है। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू-विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। किसान सभा भू-विस्थापितों के आंदोलन के साथ शुरू से खड़ी है और रोजगार मिलने तक साथ रहेगी। किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए अधिग्रहित किया गया है लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है न पुनर्वास ऐसे प्रभावितों की संख्या हजारों में है वे लंबे समय से रोजगार के लिए आंदोलनरत है।