
विदिशा,न्यूज़ धमाका :- जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत गोबरहेला में किसान अपने खेतों तक जाने के लिए सड़क बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन पंचायत और प्रशासन ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन की बेरुखी से परेशान गांव के 11 सम्पन्न किसानों ने आपस में ही डेढ़ लाख रुपये एकत्रित कर मिट्टी और गिट्टी की ग्रेवल सड़क बना दी। अब गांव के 50 किसानों को बारिश के दौरान अपने खेतों में बोवनी करने और बाद में कटाई के लिए आने-जाने में होने वाली परेशानी से निजात मिल जाएगी।
गोबरहेला के ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबे समय से खेत तक जाने के लिए मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना के तहत सड़क बनाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने पंचायत से लेकर प्रशासन तक गुहार लगाई लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
तब उन्हें लगा कि सरकार के माध्यम से सड़क निर्माण कराना आसान नहीं है। ऐसे में गांव के ही किसानों ने आपस में चर्चा की और सड़क निर्माण में आने वाली लागत को बराबर हिस्सों में वहन करने पर सहमति जताई और सड़क निर्माण का काम चालू कर दिया।
गांव के देवेंद्रसिंह दांगी बताते हैं कि खेत तक जाने के लिए सड़क नहीं होने से गांव के करीब 50 किसान परेशान थे। अब सड़क बन जाने से सबको सुविधा होगी। इधर पंचायत के सचिव देवेंद्र यादव का कहना कि तीन साल पहले खेत सड़क योजना बन्द हो गई है, इसलिए इस क्षेत्र में सड़क नहीं बन पाई थी।
कच्चा था रास्ता, मजूदरों से कराते थे ढुलाई
ग्रामीणों का कहना है कि पहले किसानों के खेतों से कच्चा रास्ता था जिसके सहारे सभी किसान अपने-अपने खेतों तक पहुंचते हैं, लेकिन बारिश के दौरान कीचड़ अधिक हो जाने के कारण ना तो वाहन निकल पाते थे,
और ना ही पैदल चल पाते थे। कई बार बारिश अधिक होने या पानी भर जाने के कारण कटी हुई फसल की मजदूरों के माध्यम से ढुलाई कराना पड़ती थी, लेकिन अब सड़क निर्माण हो जाने से किसानों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
ग्रामीणों ने श्रमदान कर चार दिन में बनाई सड़क
इस सड़क निर्माण में करीब 300 ट्राली मुरम का उपयोग किया गया है। सड़क बन जाए इसलिए किसी ने ट्रैक्टर-ट्राली से सहयोग किया तो किसी ने ट्रैक्टरों में डीजल डलवाया। कुछ कमजोर वर्ग के किसानों ने वहां श्रमदान किया।
इस नेक काम में गांव के कैलाशगिरि, मनोज दांगी, दिनेश गिरि, प्रवेन्द्र कुशवाह, बलराम चिढ़ार, देवेंद्र शर्मा, तेज गिरि ने सुबह से देर रात तक काम किया। जिसके चलते ढाई किमी ग्रेबल सड़क चार दिन में बनकर तैयार हो गई।