
कोंडागांव,न्यूज़ धमाका :- सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (चैम्फ) के चेयरमैन डाॅ राजाराम त्रिपाठी की 25 वर्षों के अथक परिश्रम और प्रयास का परिणाम है कि~ “स्वामीनाथन इंडिया एग्रीबिजनेस अवार्ड्स-2022” छत्तीसगढ़ के “सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन” (चैम्फ) को दिया जाएगा।
नीति आयोग के सदस्य डॉ रमेश चंद्र सदस्य की अध्यक्षता में गठित 15 सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त जूरी ने अवॉर्ड्स पाने वालों के नामों की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ में ही बीस साल पहले “चैम्फ” की स्थापना हुई थी। बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी हैं इसके संस्थापक सदस्य हैं।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने सन 2005 में चैम्फ को जैविक/हर्बल किसानों की राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्रदान की थी।

आज देश के जैविक किसानों की सबसे बड़ी संस्था है “चैम्फ”। देश के लाखों किसान उठा रहे हैं इसका लाभ।
औषधीय तथा सुगंधित पौधों की कृषि तथा विकास की श्रेणी का देश का प्रथम शीर्ष अवार्ड छत्तीसगढ़ की “सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (चैम्फ) को।
भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद, भारतीय कृषि मंत्रालय आदि शीर्ष संस्थानों के तत्वावधान में 9-10 नवंबर को पूषा दिल्ली में दिए जाएंगे ये अवार्ड।
हरियाणा को मिलेगा~ सर्वश्रेष्ठ कृषि-प्रदेश का अवार्ड तथा देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि जिले का अवार्ड हेतु राजस्थान के बिजनौर जिले का चयन हुआ है।
देश के प्रथम “स्वामीनाथन इंडिया एग्रीबिजनेस अवार्ड्स-2022 के विजेताओं की अंतिम सूची घोषित कर दी गई है। नई दिल्ली में नीति आयोग के सदस्य डाॅ रमेश चंद की अध्यक्षता में संपन्न 15 सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त जूरी की बैठक की समाप्ति के उपरांत देश के प्रथम ” स्वामीनाथन इंडिया एग्रीबिजनेस अवार्ड्स 2022″ की 15 श्रेणियों के लिए अंतिम रूप से चयनित किए गए नाम की घोषणा कर दी गई है।
औषधीय तथा सुगंधित पौधों की कृषि तथा विकास की श्रेणी में यह शीर्ष पुरस्कार “सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया(चैम्फ) को प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
चैम्फ मुख्य रूप से जैविक, औषधीय तथा सुगंधीय पौधों के किसानों की अलाभकारी संस्था है, जोकि सहकारिता के सिद्धांत पर कार्य करती है। इसकी विधिवत शुरुआत सन 2002 में छत्तीसगढ़ से हुई। पूरे देश में यह संस्था जैविक, हर्बल खेती के विकास, विस्तार, नवाचार, प्रशिक्षण, किसानों के लिए किसानों के द्वारा उच्च गुणवत्ता के बीज तथा प्लांटिंग मैटेरियल बैंक के विकास के कार्यों में लगातार लगी हुई है।
इस संस्था का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने सदस्य किसानों के द्वारा उगाए गए जैविक उत्पादों को एक सशक्त साझा विपणन प्लेटफार्म देना है। जिससे कि जैविक जड़ी बूटियों, सुगंधीय पौधों, मसालों की खेती करने वाले किसानों को उनके कृषि उत्पादों का सही मूल्य प्राप्त हो सके और उन्हें बिचौलियों तथा बाजार की ताकतों के शोषण से बचाया जा सके।
वर्तमान में इस संस्था से देश के 16 राज्यों के लगभग 34000 जैविक किसान सीधे जुड़े हुए हैं तथा इसके जैविक जागरूकता तथा उच्च लाभदायक कृषि विस्तार के कार्यक्रमों से देश के लाखों किसान लाभ उठा रहे हैं।
इसके राष्ट्रव्यापी कार्यों के महत्व को देखते हुए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने सन 2005 में इस संस्था को जैविक किसानों की राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्रदान की। आज यह अपने तरह की जैविक हर्बल किसानों की देश की सबसे बड़ी संस्था है। देश का कोई भी किसान इनकी वेबसाइट http://www.chamf.org से जुड़कर औषधीय सुगंधीय तथा उच्च लाभदायक खेती अपने उत्पादों के विपणन के बारे में निशुल्क जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बस्तर तथा छत्तीसगढ़ के लिए यह विशेष हर्ष का विषय है कि अवार्ड हेतु चयनित इस राष्ट्रीय संस्था की शुरुआत छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव बस्तर के किसान डॉ राजाराम त्रिपाठी द्वारा ही की गयी थी।
डॉक्टर त्रिपाठी ने हर्बल खेती की ढेर सारी परेशानियों तथा मुख्य रूप से इसके विपणन में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए अपने मुट्ठी पर किसान साथियों के साथ बहुत ही सीमित साधनों से इसकी शुरुआत की थी। 20 वर्षों के बाद वहीं नन्ही सी संस्था एक विशाल वटवृक्ष में बदल गई है। क्योंकि इस संस्था का जन्म छत्तीसगढ़ के बस्तर से हुआ, इसलिए चैम्फ को यह शीर्ष पुरस्कार दिए जाने की घोषणा से देश भर में फैले चैम्फ के सदस्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ तथा विशेष रूप से बस्तर के लोगों में भी बड़ा हर्ष व्याप्त है। इसके साथ ही देश विदेश से भी बधाई संदेश आ रहे हैं।
डॉ रमेश चंद सदस्य ‘नीति आयोग’ की अध्यक्षता में संपन्न जूरी की बैठक में श्री आशीष बहुगुणा पूर्व कृषि सचिव, श्री. वी के पिपरसेनिया~ पूर्व मुख्य सचिव, असम, डॉ. एस अय्यप्पन~ अध्यक्ष कर्नाटक प्रौद्योगिकी आयोग तथा पूर्व महानिदेशक आईसीएआर, डॉ. विभा धवन~ महानिदेशक टेरी, श्री. सिराज चौधरी~ अध्यक्ष एनसीएमएल, डॉ आरएस दीक्षित अश, डॉ एच पी सिंह अध्यक्ष सीएचएआई और पूर्व डीडीजी आईसीएआर~ डॉ पी के जोशी अर्थशास्त्री, श्री के सी रवि~ चेयरमैन क्रॉप लाइफ इंडिया, डॉ. नूतन कौशिक~ डीजी एजी एमिटी यूनिवर्सिटी, श्री राजू कपूर~ निदेशक एफएमसी, श्री राजवीर राठी~ वीपी बायर, श्री आर एल तमक~ सीईओ डीसीएम श्रीराम, श्री डी के त्यागी~ सीईओ फार्मगेट और सुश्री ममता जैन~ सीईओ एटीजी ने भाग लिया तथा भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद भारतीय कृषि मंत्रालय आदि प्रतिष्ठित संस्थानों के तत्वावधान में दिए जाने वाले देव के प्रथम स्वामीनाथन इंडिया एग्रीबिजनेस अवॉर्ड-2022 हेतु अंतिम रूप से चयनित नामों की विधिवत घोषणा की।
“चैम्फ” के अलावा अवार्ड की अन्य श्रेणियों में कृषि विकास हेतु अग्रणी राज्य के रूप में हरियाणा प्रदेश को उन्नत बीज हेतु, आंध्र प्रदेश राज्य बीज विकास निगम लिमिटेड को कृषि वित्त पोषण हेतु, उड़ीसा सहकारी बैंक को कृषि मशीनरी हेतु, शक्तिमान एग्रो को~ डेरी उद्योग में आनंद डेयरी, कृषि विकास हेतु~ आईटीसी लिमिटेड को तथा देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि जिला हेतु राजस्थान के बिजनौर जिले को भी यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
एग्रोवर्ल्ड -2022 के दौरान नई दिल्ली में 9 और 10 नवंबर को “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)” पूषा के शिंदे ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य अंतरराष्ट्रीय आयोजन में देश की गणमान्य विभूतियों के द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।