अंबिकापुर

डीजल से 200 करोड़ का प्रदेश सरकार को सालाना नुकसान

अंबिकापुर न्यूज़ जिले में कई कंपनियों ने अवैध तरीके से कंज्यूमर डीजल पंप खोल रखे हैं। वे डीजल की बिक्री 2 हजार लीटर वाले टैंकर से लोगों तक पहुंचाकर कर रहे हैं। इसमें भी कई डीजल माफिया कंज्यूमर डीजल पंप के नाम पर उत्तर प्रदेश से डीजल मंगवाकर राज्य सरकार को टैक्स का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसमें डीजल कंपनियों और फूड अफसरों के साथ जीएसटी अफसरों की लापरवाही व मिलीभगत है।इस पर रोक लगाने खाद्य नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण विभाग की संचालक किरण कौशल ने राज्य के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कई निजी कंपनियां अपनी जरूरत के लिए कंज्यूमर डीजल पंप का लाइसेंस होने की बात करती हैं, लेकिन किसी के पास लाइसेंस नहीं है।इसका खुलासा तब हुआ जब जिला फूड अफसर रविंद्र सोनी से भास्कर ने डीजल की फेराफेरी को समझने बात की। हालांकि, शहर के डीजल व पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि 6 कंज्यूमर डीजल पंप के लिए लाइसेंस जारी किए हैं, लेकिन अफसर कह रहे किसी को लाइसेंस नहीं दिया।यूपी में डीजल पर सरकार ने टैक्स कम है, क्योंकि यूपी कृषि प्रधान राज्य खुद को मानता है और किसानों के हित को देखकर उसने डीजल पर टैक्स कम रखा है। वहीं हमेशा से मांग रही है कि छत्तीसगढ़ सरकार को भी डीजल पर टैक्स कम करना चाहिए, क्योंकि छत्तीसगढ़ भी खेती प्रधान राज्य है।फिलहाल यूपी से 20 हजार लीटर का एक टैंकर डीजल छत्तीसगढ़ आता है तो प्रदेश सरकार को मिलने वाला 4.50 लाख का नुकसान हो रहा है। माह में यह आंकड़ा 20 करोड़ और साल में 200 करोड़ पार कर जाता है। नियम के मुताबिक किसी के पास कंज्यूमर डीजल पंप का लाइसेंस है तो वे अपनी कंपनियों की गाड़ियों व सयंत्र में ही डीजल का उपयोग कर सकते हैं।सरगुजा संभाग में नकली जैव डीजल की बिक्री भी हो रही है। इसकी शिकायत पर विभाग के संचालक किरण कौशल ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि जैव डीजल की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी हों, तभी इसकी बिक्री की जाए। वहीं अभी किसी भी फर्म को सरगुजा संभाग में जैव डीजल बेचने लाइसेंस नहीं है, फिर भी जैव डीजल की आड़ में यहां घातक केमिकल और अन्य उत्पादों को मिलाकर नकली जैव डीजल बना अवैध तरीके से बेचा जा रहा हैं।वहीं ओरिजनल जैव डीजल का रेट 15 रुपए प्रति लीटर कम है और इसे ग्राहक को नहीं बताया जाता है। मिलावट से डीजल इंजन को नुकसान होता है, इंजन भी सीज हो सकता है।छत्तीसगढ़ में एक माह के भीतर अवैध तरीके से संचालित 12 बायो डीजल पंप सीज किए गए है, जो नियम विरुद्ध संचालित थे, लेकिन सरगुजा संभाग में कार्रवाई नहीं हुई। नकली बायो डीजल दरअसल कारखाने में अवैध रूप से बायो डीजल को बनाने रॉ मेटेरियल के रूप में री-साइकिल्ड (ट्रक व वाहनों में उपयोग में लेने के बाद बेकार हो चुका ऑयल) और ऑयल कैटलिस्ट के रूप में एसिड का उपयोग किया जाता है।इसी के जरिए यह अवैध बायो डीजल बनता है। इसे 2 हजार लीटर वाले टैंकर से भी एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचा कर बेचा जा रहा है। बॉयो डीजल की आड़ में कुछ कंपनियां ऐसा उत्पाद बना रही हैं, जिनकी डेंसिटी डीजल के जैसी है।गड़बड़ी की शिकायत छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में की थी। बताया है कि कंज्यूमर डीजल पंप के अलावा कुछ डीजल पेट्रोल पंप वाले भी यूपी से डीजल मंगाकर उसे छत्तीसगढ़ में बेच रहे हैं, क्योंकि यूपी में टैक्स 16.84 प्रतिशत है तो छत्तीसगढ़ में 25.74 प्रतिशत। इससे वे टैक्स की चोरी कर रहे हैं। इस पर पेट्रोलियम कंपनी के अफसर भी खामोश हैं, क्योंकि उन्हें सरकार के राजस्व से अधिक चिंता अपने सेल को लेकर है।चाहे बिक्री किसी भी राज्य के माध्यम से हो। जानकारों की मानें तो हर रोज यूपी से ही 100 टैंकर डीजल छत्तीसगढ़ आ रहा है। इससे हर साल एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार को टैक्स का 200 करोड़ का नुकसान हो रहा है, लेकिन जीएसटी अफसर इस पर लापरवाह बने हुए हैं,जबकि उन्हें भी जानकारी है।

CG SADHNA PLUS NEWS

Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!