देश में इलेक्ट्रिक व्हिकल्स को बढ़ाने देने के अभियान के बीच केंद्रीय सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया।
नितिन गडकरी के नेतृत्व में केंद्रीय सड़क तथा परिवहन मंत्रालय पहले से इस योजना पर काम कर रहा है। गडकरी पहले भी कह चुके हैं कि भारत इथेनॉल आधारित ‘फ्लेक्स इंजन’ की अनुमति देगा, जो कि स्थानीय कृषि उपज का उपयोग करने वाले बिजली वाहन हैं न कि जीवाश्म ईंधन। ब्राजील, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में फ्लेक्स इंजन हैं जो कृषि उत्पादों से संचालित होते हैं। नितिन गडकरी ने कहा, अगले 3 से 4 महीनों में मैं एक आदेश जारी करूंगा, जिसमें सभी वाहन निर्माताओं के लिए फ्लेक्स इंजन (जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं) अनिवार्य होगा। फ्लेक्स इंजन यानी Flexible Fuel Vehicle जो एक से अधिक ईंधन से चल सकेंगे। बता दें, ब्राजील समेत दुनिया के कई देशों में यह तकनीक पहली ही अपनाई जा चुकी है। इससे पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण को कंट्रोल करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही वाहन चलाने का खर्च भी कम होगा। यदि नई व्यवस्था चलन में आती है तो पर्यावरण, लागत और प्रदूषण के मोर्चों पर फायदा होगा। टीवीएस और बजाज सहित भारतीय वाहन निर्माता इस दिन में आगे बढ़े हैं और दोपहिया वाहन विकसित किए हैं जो विशेष रूप से इथेनॉल पर चल सकते हैं। जून 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गडकरी ने मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और टोयोटा जैसे वाहन निर्माताओं से ऐसे वाहन विकसित करने की भी अपील की है जो वैकल्पिक ईंधन पर चल सकें। स्थानीय रूप से उत्पादित इथेनॉल के उपयोग से देश को लाभ होगा। अभी भारत बड़े पैमाने पर कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है।