
अब जी रहे शान से,नयी तस्वीर तरकारियों में भी है तरक्की की राहें
कोण्डागांव की जनपद फरसगांव के ग्राम गट्टीपलना के कृषक अंजोरी नेताम गांव के अन्य कृषको के भांति अपने कृषि भूमि में रवि खरीफ की फसल के रूप में धान एवं मक्का फसलांे से जीवन निर्वाह कर रहे थे।
उन्नत खेती से बदली जीवन की तस्वीर
उद्यानिकी विभाग से संपर्क से उनके जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ आया एवं उनकी योजनाओं में उनकी उत्साह वर्धक भागीदारी उनके कृषि जीवन की काया पलट हो गई। तत्पष्चात विभाग के मार्गदर्षन में उन्होने दृढ़ निष्चय के साथ सब्जी तरकारी उत्पादन में अपना हाथ आजमाया और अपनी 2 एकड़ की भूमि में लौकी, भिण्डी, करेला उगाना षुरू किया । इसके आषातीत परिणाम भी मिलने लगे और वर्तमान में उनके खेतो में साग भाजियों का उजाला फैला दिख रहा है।
एक एकड में मिर्च से कमाये सात लाख
अंजोरी नेताम ने बताया कि उन्हे ड्रीप स्प्रिगंकलर, पावर वीडर अनुदान के रूप में प्राप्त हुआ। इस तरह रबी फसल के रूप में उन्होने 2020-21 में अपनी 1 एकड़ में मिर्च की खेती की जिसमें 2.80 लाख रूपये की लागत में उन्हे कुल 7.24 लाख रूपये की मुनाफा हुआ। उनका यह भी कहना है कि विभाग की सतत् मार्ग दर्षन से और राष्ट्रीय बागवानी मिषन के तहत् अच्छा उत्पादन कर रहें है । वे विभाग की नवीन योजनाओं की जानकारी रखते है, साथ ही क्रियान्वयन से सभी समस्यों का समाधान आसानी से हो जाता है।
अपनी खेती को बनाया आधुनिक तो मिली सफलता
श्री नेताम पंरपरागत कृषि से हट कर अन्य लाभकारी फसलो एवं सब्जियों के उत्पादन पर अपना ध्यान कें्रदित कर रहे है। जिले के दूरस्थ क्षेत्र जहां छोटे और मंझोले दर्जे के किसानों के पास धान के अलावा अन्य विकल्प नही थे वहां राष्ट्रीय बागवानी के मार्गदर्षन से नयी खेती के प्रयोग करने वाले इच्छुक कृषकोें में उत्साह का संचार हुआ हैैै।
नयी खेती से ही मिलेगें तरक्की के नये रास्ते
नये बदलते कृषि प्रयोग में नयी परिपाटी से कृषि करने में ही समझदारी है और सबसे बड़ी बात विभाग द्वारा इसमें सहयोग दिया जाना बहुत बड़ा संबल है विषेष तौर पर राष्ट्रीय बागवानी मिषन के घटक सब्जी क्षेत्र विस्तार से स्थानीय कृषकों को साग भाजियों के पैदावार बढ़ाने में मदद मिली है और साथ उनके जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है और अब स्थानीय कृषको नये प्रयोग करने में हिचक नही होती और उनके जैसे छोटे कृषक लाभान्वित हो रहे है।