इस तरह से आप अपने पैसे को वापस मंगा सकते हैं
ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं बेहद आम हो गई हैं. अगर आप या आपके किसी जानकार के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है तो इस तरह से आप अपने पैसे को वापस मंगा सकते हैं.एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 1 साल में ही 2.7 करोड़ से ज्यादा लोग आइडेंटिटी चोरों के टारगेट हुए हैं. चोर बेखौफ होकर लोगों की निजी और संवेदनशील जानकारियां निकाल कर उनके खातों से पैसे चुरा रहे हैं. ऑनलाइन फ्रॉड में पैसा चोरी होना काफी गंभीर है, क्योंकि चोरी के बाद कोई ऑप्शन नहीं दिखता जिससे पैसा वापस लिया जा सके. फिर भी, कुछ आसान स्टेप्स हैं, जिनको फॉलो करके आप ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं. इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गए हैं, तो भी आपके पैसे वापस आ सकते हैं. आरबीआई के अनुसार, अगर आपका ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान किसी तरह का फ्रॉड हुआ है. तो आपका नुकसान सीमित हो सकता है या आप नुकसान से बच सकते हैं, बशर्ते आपको तुरंत अपनी बैंक को सूचित करना पड़ेगा. बैंक आम तौर पर 10 व्यावसायिक दिनों के भीतर नुकसान की भरपाई करती हैं. अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन की भरपाई आमतौर पर बैंकों और बीमा कंपनियों द्वारा की जाती हैइंटरनेट पर फ्रॉड को अंजाम देने के लिए हैकर्स फर्जी वेबसाइट बनाते हैं जो बिल्कुल वैध लगती हैं. बैंक के नियमों के मुताबिक, ऐसी चोरी के शिकार लोगों को उनका चोरी हुआ पैसा वापस मिल सकता है. इसके लिए बैंक अकाउंट होल्डर्स को तुरंत उस ट्रांजेक्शन से जुड़ी पूरी जानकारी बैंक को देनी चाहिए. ज्यादातर बैंकों के पास अपने ग्राहकों के लिए फाइनेंसशियल फ्रॉड इंश्योरेंस होता है. पैसा ट्रांसफर के दौरान फ्रॉड हो जाने पर ग्राहकों को तुरंत अपने बैंक को सूचित करना चाहिए. बैंक को सूचित करने के बाद, ग्राहक के जोखिम को सीमित करते हुए, तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को फ्रॉड की सूचना दी जाएगी. इस तरह से आपको आपका पैसा मिल सकता है.इसके लिए ग्राहक को फर्जी या फ्रॉड लेनदेन के तीन दिनों के भीतर ही अपने बैंक को सूचित करना होगा. यदि कोई ग्राहक नुकसान के तीन दिनों के भीतर बैंक को सूचित नहीं करता है, तो उसको 25,000 रुपये तक का नुकसान हो सकता है.