
भोपाल न्यूज़ धमाका /// स्वर साम्राज्ञी स्वर्गीय लता मंगेशकर के नाम पर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में संगीत अकादमी की स्थापना की जाएगी। स्वर कोकिला लता जी की यादें चिरजीवी रहें, इसे ध्यान में रखकर यहां एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा, जिसमें लता जी ने जब भी, जो भी गाया है, वह उपलब्ध रहेगा।
इंदौर में ही उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी और उनके जन्मदिन पर हर वर्ष लता मंगेशकर पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट के जरिए की। बता दें, लता जी का जन्म इंदौर शहर में ही हुआ था।
ब्लॉग में लता मंगेशकर जी से जुड़ी स्मृतियों का किया जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि लता दीदी का जाना विश्व संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वर्ष 2017 में मैंने, नर्मदा सेवा यात्रा और पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को संदेश पहुंचाने का उनसे आग्रह किया था। यात्रा को लेकर करीब 20 मिनट फोन पर हुई थी बातचीत।
उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और प्रयासों की प्रशंसा की थी। बातचीत के दौरान, मध्यप्रदेश और नर्मदा नदी को लेकर भावुक हो गईं थी लता दीदी। उन्होंने कहा, नर्मदा यात्रा में शामिल होने की बहुत इच्छा रखती हूं, किंतु स्वास्थ्य मुझे इस बात की अनुमति नहीं दे रहा।
लता दीदी ने पर्यावरण संरक्षण और मां नर्मदा की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। उनकी वाणी और शब्दों में जो अपनापन और स्नेहभाव था वह मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। उनकी आत्मीयता का वह अहसास मेरे लिए एक अमूल्य निधि हैं। लता दीदी मध्यप्रदेश की बेटी थीं मध्यप्रदेश उनकी कर्मभूमि भले ही नहीं रहा, लेकिन उनका दिल हमेशा मध्यप्रदेश के लिए धड़कता था।
लता दीदी को मां सरस्वती का वरदान प्राप्त था। एक महान सुर-साधक होने के साथ ही महान राष्ट्रभक्त थीं लता दीदी। उनकी राष्ट्रभक्ति, उनकी स्वर-साधना में हमेशा मुखरित होती रही। लता दीदी के बिना ये देश सूना है। देश के गीत और संगीत सूने हैं, हर घर सूना है। ह्रदय घट सूना है।
दीदी की कमी कभी कोई पूरा नहीं कर सकता। दीदी को गीत-संगीत की देवी मानकर दुनिया हमेशा पूजा करती रहेगी। लता दीदी भले ही हमारे बीच से चली गई लेकिन अपने गाये हुये हजारों गानों के माध्यम से वे दुनिया के दिलों में राज करती रहेंगी।