भोपाल न्यूज़ धमाका /// इससे पहले सोमवार को जूनियर डॉक्टर्स ने जनरल ओपीडी के साथ एमजेंसी सेवाएं देना बंद कर दिया था। वहीं मंगलवार से टेंट पंडाल लगा कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जूडा का कहना है कि चाहे इस बार उन्हें कड़ाके की सर्द रातों में बैठना पड़े, लेकिन इस बार की लड़ाई आर पार की होगी। पिछले हफ्ते भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी लेकिन समझाइश के बाद वापस ले ली थी।
बता दे कि हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर की मांग है कि नीट की काउंसलिंग के मुद्दे पर केंद्र सरकार आगे बढ़कर पहल करें। इसके अलावा राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें। एकेडमिक जूनियर असिस्टेंट के पदों पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। जिससे उनके ऊपर लगातार 36-36 घंटे जो काम का दबाव है, जो कम हो सके। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। जयारोग्य अस्पताल समूह के विभिन्न वार्डों, ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही है। लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस पहल ना होने के कारण जूनियर डॉक्टर बार-बार हड़ताल पर जा रहे हैं। वे अपनी मजबूरी भी बता रहे हैं।