नई दिल्ली,न्यूज़ धमाका :- अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना ने M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर को तैनात कर दिया है. इन तोपों को आसानी से कहीं भी पहुंचाया जा सकता है. LAC पर पर्याप्त मात्रा में इन तोपों की तैनाती की गई है.
भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश के फॉरवर्ड पोजिशन पर इन तोपों की तैनाती करके अपनी फायर पावर को बढ़ा रही है. इससे पहले इन तोपों की तैनाती लद्दाख सेक्टर के कुछ संवेदनशील हिस्सों में किया गया था. यह उस समय की बात है जब चीन के साथ सीमा विवाद बढ़ा हुआ था. भारत के पास करीब 3500 किलोमीटर लंबी LAC है.
इसके अलावा हम सीमा पर ड्रोन्स, मिलिट्री एयरक्राफ्ट और सर्विलांस से संबंधित यंत्रों की तैनाती कर चुके हैं. सेना यहां पर भारी तोप या आर्टिलरी नहीं ला सकती है. पहाड़ी रास्ते खतरनाक हैं. इसलिए M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर को यहां लाया गया है. इन्हें चिनूक हेलिकॉप्टर आसानी से उठा सकते हैं. या किसी गाड़ी से खींचकर पहुंचा सकते हैं. सेना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अब हम चीन से लोहा लेने के लिए ज्यादा बेहतर और ताकतवर स्थिति में हैं.
जिस पर भारतीय सेना सभी जरूरी और रणनीतिक पोजिशन पर तैनात है. जून 2020 गलवान घाटी के संघर्ष के बाद भारत और चीन की सेना के बीच काफी ज्यादा तनाव की स्थिति बन गई थी. भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर की तैनाती से हमें ज्यादा ताकत मिली है.
पिछली साल सेना ने बुमला में M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर की तैनाती की थी. इसके बाद इसे अरुणाचल प्रदेश के RALP एरिया में भी तैनात किया गया था. इस तोप को अमेरिका की BAE System बनाती है. लेकिन असेंबलिंग भारत में एक निजी कंपनी करती है. 155 mm अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर का उपयोग पहले ही अफगानिस्तान युद्ध, इराक और सीरिया जैसे युद्धों में बखूबी किया जा चुका है.
सबमें इसने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. भारतीय सेना के पास 110 हॉवित्जर हैं. 145 और तोपों का ऑर्डर दिया गया है. इसे चलाने के लिए 8 लोग लगते हैं. यह एक मिनट में 7 गोले दागता है. इसके गोले की रेंज 24 से 40 किलोमीटर है. इसका गोला करीब एक KM प्रति सेकेंड की गति से चलता है.