नई दिल्ली,न्यूज़ धमाका :- उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू कांड में एनकाउंटर के दौरान मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शर्तो के साथ जमानत दी है. खुशी दुबे को हफ्ते में एक दिन पुलिस स्टेशन में हाजरी लगानी होगी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने जमानत का विरोध किया था.
यूपी सरकार ने जमानत का विरोध करते हुए यह तर्क दिया कि वह गिरोह को फिर से सक्रिय कर सकती है. यूपी सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि जेल रिपोर्ट के मुताबिक खुशी दुबे का व्यवहार ठीक नहीं था. वह दूसरे कैदियों से झगड़ा करती थी. हालांकि इस पर कोर्ट ने कहा कि घटना के समय उसकी उम्र 17 साल से भी कम थी.
ये थी पूरी घटना
दरअसल 2 जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर विकास दुबे ने साथियों के साथ हमला कर दिया था. इसमें DSP समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे का भतीजा और उसका राइट हैंड कहा जाने वाला अमर दुबे घटना के बाद फरार हो गया था, लेकिन 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
मालूम हो कि खुशी दुबे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर घटना के वक्त वह नाबालिग थी. उस समय उसकी उम्र 16 साल के लगभग थी. पुलिस ने बिकरू कांड मामले में खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया था. खुशी दुबे पर चौबेपुर पुलिस ने फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज कर जेल भेज दिया था. कुछ महीने पहले बालिग होने पर खुशी दुबे को माती जेल शिफ्ट किया गया था.