
उत्तरप्रदेश,न्यूज़ धमाका :- वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला अदालत सोमवार से सुनवारू करेगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई सोमवार को होगी।
पहले मामले की पोषणीयता पर सुनवाई होगी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद ही यह तय होगा कि मामला आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। कुल मिलाकर 4 याचिकाएं हैं जिन पर दोपहर 2 बजे से सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने वादी यानी मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाले मस्जिद पक्ष के प्रार्थनापत्र पर इसकी सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत से जिला जज को स्थानांतरित कर दी थी। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट अदालत में दाखिल होने के बाद दो अन्य प्रार्थनापत्र भी दाखिल किए गए हैं।
मंदिर पक्ष ने अदालत से तहखाने की दीवार और मलबा हटाकर वीडियोग्राफी कराने की मांग की है। शिवलिग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई की बाबत रिपोर्ट भी मंगाने की अपील की है। वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने वजूखाने की मछलियों की जीवनरक्षा के लिए उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।
सील किए गए क्षेत्र में चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगे हैं। इसका उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। पाइपलाइन को भी सील क्षेत्र से हटाने की मांग की है। दोनों प्रार्थनापत्रों पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति दाखिल की है।
दीवार तोड़ी तो ध्वस्त हो सकती है मस्जिद
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है कि जिस संरचना को वादी पक्ष शिवलिंग कहते हैं, उसे तय करने का अधिकार सिर्फ अदालत को है। तहखाने की जिस दीवार को हटाने की मांग की गई है, उसे तोड़ा गया तो पूरी मस्जिद ध्वस्त हो जाएगी।