जबलपुर,न्यूज़ धमाका :-इधर, दौसा की घटना के विरोध में मेडिकल कालेज अस्पताल के 66 साल के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को दो घंटे के लिए पोस्टमार्टम समेत तमाम मेडिको लीगल कार्य बंद रखने का निर्णय मेडिको लीगल सोसायटी आफ जबलपुर ने लिया है। सोसायटी अध्यक्ष डा. विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि मेडिकल निगलिजेंसी के केस में सामान्यत: धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. दीपंकर बैनर्जी अपने आंसू नहीं रोक पाए। वरिष्ठ चिकित्सक डा. जितेंद्र जामदार, आइएमए अध्यक्ष डा. पवन स्थापक समेत तमाम चिकित्सकों की भी आंखें नम हो गईं। अन्य महिला चिकित्सक यह सोचकर मायूस हो रही थीं कि डा. अर्चना शर्मा पर क्या बीत रही होगी जब उन्होंने आत्महत्या का विचार किया था। घटना राजस्थान के दौसा जिले से जुड़ी है। जिसके संबंध में शहर के तमाम वरिष्ठ चिकित्सक गुरुवार को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे।
उन्होंने राजस्थान पुलिस के कामकाज की निंदा की। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने जबलपुर में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने से पूर्व चिकित्सक एसपी कर्यालय परिसर में जमीन पर बैठ गए थे। वे मौके पर एसपी के उपस्थित होने की मांग कर रहे थे। इस दौरान आइएमए जबलपुर शाखा, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, जोग्स समेत अन्य चिकित्सा संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। पुलिस ने कानून का दुरुपयोग किया है। इसलिए मेडिकल के इतिहास में शुक्रवार को पहली बार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक मेडिको लीगल कार्य, पोस्टमार्टम आदि नहीं किए जाएंगे।