पाटन,न्यूज़ धमाका :- शासन की किसान हितैषी योजनाओं से जमीनी स्तर पर बड़ा बदलाव आया है। पहले 15 लाख किसानों ने धान खरीदी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, अब 22 लाख किसानों ने धान खरीदी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। पहले धान का रकबा 22 लाख हेक्टेयर था अब बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बातें आज ग्राम देवादा में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 76 वें वार्षिक अधिवेशन में कही।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कृषकों की तरक्की के लिए समग्र योजना बनाई। कर्ज माफी के माध्यम से किसानों पर पड़ा कर्ज का बड़ा बोझ हटाया। इसके साथ ही राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से किसानों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने का जतन किया। इसके साथ ही गोठान के माध्यम से पशुधन संवर्धन तथा खेती के संरक्षण के लिए भी कार्य किए गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गोठान के आरंभ होने की पृष्ठभूमि भी बताई। उन्होंने बताया कि एक बार वे दरबार मोखली गए थे। वहां जब किसानों से मिले तो उन्होंने बताया कि आवारा मवेशियों की समस्या बढ़ गई है। गोठान की विचार इसी दौरान मन में आया। ऐसा महसूस हुआ कि मवेशियों के रखरखाव के लिए यदि एक जगह हो तो न केवल उनका रखरखाव अपितु उनके नस्ल संवर्धन आदि का कार्य किया जा सकता है। गोठान का जितना ज्यादा संवर्धन करेंगे। खेती किसानी के लिए उतना ही हितकर होगा।
जल संवर्धन की ओर ध्यान भी दिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही हमने जल संवर्धन की ओर ध्यान भी दिया है। नरवा योजना के माध्यम से भूमिगत जल के रिचार्ज के लिए बड़ा कार्य किया जा रहा है। चाहे खेती-किसानी की जरूरत हो या निस्तारी के लिए हो, पानी की जरूरत बड़ी जरूरत है और नरवा योजना के माध्यम से हमने ऐसी पहल की है कि स्थाई रूप से जल संकट दूर किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाटन क्षेत्र में हमारे पूर्वजों ने सबसे ज्यादा शिक्षा पर जोर दिया।