जांजगीर चाम्पा,न्यूज़ धमाका :-त्याग और बलिदान की भारत में लम्बी परम्परा रही है। 1947 के पहले देश की आजादी के लिए और बाद में देश की रक्षा के लिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है, उनकी बदौलत ही आज भारत ने विश्व में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
आजादी के दीवाने क्रांतिवीरों का बलिदान युगों-युगों तक राष्ट्रभक्तों को प्रेरणा देता रहेगा। ये बातें एकात्म सोसायटी के अध्यक्ष प्रशांत सिंह ठाकुर ने ग्राम पंचायत सिवनी में संस्था द्वारा अयोजित ‘शहीद सम्मान मैराथन’ के अवसर पर कही।उन्होंने कहाकि आज ही के दिन शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू भारत माता को आज़ाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे । मां भारती के इन तीन लाड़ले सपूतों की स्मृति को अक्षुण्ण रखने प्रतिवर्ष 23 मार्च को ‘बलिदान -दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर ‘एकात्म सोसायटी’ द्वारा ग्राम पंचायत सिवनी नैला में मैराथन का आयोजन किया गया।