
रायगढ़,न्यूज़ धमाका :-स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है। किसी समय में परीक्षा के दौरान नकल के लिए कुख्यात इस जिले में इस पर एक भी नकल के प्रकरण नहीं बने हैं। पिछले लगभग एक माह से चल रही 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में जिले में कुल 635 केंद्र बनाए गए ।
कोरोना काल से पहले यहां 59 से अधिक परीक्षा केंद्र नकल के मामले में संवेदनशील थे। लेकिन इस बार किसी भी केंद्र को संवेदनशील नहीं माना गया। हालांकि जिला स्तर पर नौ एवं तहसील स्तर पर 24 से अधिक उड़नदस्ते बनाए गए थे। खास बार यह रही कि पूरी परीक्षा के दौरान एक भी परिक्षार्थी नकल करते नहीं मिला और रायगढ़ जिले में शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्ना कराने की उपलब्धि यहां के रिकार्ड दर्ज हो गई ।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10 – 12 वीं की परीक्षा में हर वर्ष जिले के विभिन्ना केंद्रों में गणित इंग्लिश एवं विज्ञान जैसे प्रश्न पत्र परीक्षा के दिन अमूमन जिले भर से छह -सात नकल के पकड़कर प्रकरण दर्ज होते रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के करीब कई केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता था, इस वर्ष इसमें एकाएक बदलाव करते हुए एक भी केंद्र को इस श्रेणी में नही
रखा गया। जबकि इस वर्ष दोनों बोर्ड की परीक्षा में छात्रों की संख्या अधिक दर्ज की गई। 12 वीं बोर्ड में कुल 15072 परीक्षार्थियों ने पंजीयन कराया था वहीं दिए थे, अंतिम परीक्षा के दिन उपस्थिति 14606 थी। अनुपस्थिति 466 रहे । इसी प्रकार 10वीं बोर्ड में परीक्षार्थियों की संख्या 18755 थी। परन्तु हर परीक्षा में औसतन 11 सौ से अधिक छात्र अनुपस्थिति रहे।
प्रदेश स्तर से जारी मैरीड सूची में हर वर्ष रायगढ़ जिले के तीन-चार छात्र-छात्राओं का नाम शामिल रहता है। बेहतर परिणाम आने की वजह से कानाफूसी भी होने लगता था। ऐसे में कोरोना काल के दो वर्ष घर बैठे परीक्षा देकर पास हुए है, इस वर्ष भी आधा साल लाकडाउन के चलते स्कूल बंद रहा है बावजूद इसके छात्र छात्राओं ने बैगेर नियमों का उलंघन करते हुए परीक्षा दिए। यह जिला शिक्षा विभाग के लिए स्वर्णिम काल की तरह साबित हो रहा है।