शहडोल न्यूज़ धमाका /// मध्य प्रदेश के शहडोल में नगरी प्रशासन आयुक्त ने अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। नवगठित बकहो नगर परिषद में फर्जी नियुक्ति मामले में ज्वाइंट डायरेक्टर समेत 5 अधिकारी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा तत्कालीन सरपंच और सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सीईओ जिला पंचायत को भी पत्र लिखा है। वहीं इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में खुशी का मौहल देखने को मिला।
शहडोल जिले में नई बनी नगर पंचायत बकहो के गठन के बाद मनमानी तरीके और रुपये लेकर भर्ती की शिकायत के बाद हुई जांच के बाद अब इस पर एक्शन भी ले लिया गया है।नवगठित बकहो नगर परिषद में हुई फ़र्ज़ी नियुक्ति मामले में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन मकबूल खान सीएमओ जयदीप दीपांकर प्रभारी सीएमओ धनपुरी रवि करण त्रिपाठी, उपयंत्री संयुक्त संचालक कार्यालय अजीत तिवारी, सहायक यंत्री संयुक्त संचालक कार्यालय राकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग निकुंज कुमार ने इसके आदेश भी जारी किया गया है। इस फर्जीवाड़े में बकहो की तत्कालीन सरपंच फूलमती सिंह और सचिव समय लाल सिंह के साथ स्थाई कर्मचारी सुरेश चंद्र शुक्ला को भी दोषी पाया गया है। इन तीनों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाई के लिए सीईओ जिला पंचायत और सीएमओ नगर पालिका परिषद पाली को आयुक्त ने पत्र लिखा है।
शहडोल जिले के बकहो नगर परिषद में एक संविदा कर्मी सहित 52 मानदेय कर्मचारियों का संविलियन का मामला था, जो नियम विरुद्ध तरीके से नियमित पदों पर किया गया था। नियमित किए गए कर्मचारियों में संयुक्त संचालक मकबूल खान का पुत्र आदिल खान और सहायक यंत्री राकेश तिवारी के दोनों पुत्र रोहित तिवारी और प्रवीण तिवारी भी शामिल थे। जब इस पूरे फर्जीवाड़े की कई स्तर पर शिकायत हुई तो जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने 27 नवंबर को जांच प्रतिवेदन संचालनालय में प्रस्तुत किया था, और फिर जांच प्रतिवेदन के आधार पर ही यह पूरा एक्शन लिया गया है, जिसमें गलत तरीके से नियमित पदों पर संविलियन किए गए 53 कर्मचारियों को भुगतान किए गए वेतन भत्तों से निकाय को अक्टूबर 2021 तक करीब 65 लाख की आर्थिक क्षति हो चुकी है। इसके लिए उपरोक्त अधिकारियों को आनुपातिक रूप से जिम्मेदार माना गया है।
आरोपियों पर कार्रवाई होने से स्थानीय लोग खुश
वहीं इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर लोगो ने मामले की जांच करा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को लेकर लबे समय तक आंदोलन किया था। जिसके बाद अब फर्जी भर्ती मामले में कार्रवाई होने के बाद लोगों में काफी खुशी देखने को मिली। साथ ही प्रशासन को धन्यवाद भी दिया