ग्वालियर,न्यूज़ धमाका :-जयारोग्य अस्पताल में आक्सीजन सिलिंडर गायब होने व पुतवाने के मामले में सवाल अब भी बरकरार है। क्यों अस्पताल में इन सिलिंडरों पर दोबारा रंग किया गया, इसका ठोस जवाब किसी के पास नहीं है। सिलिंडर के नीचे के हिस्से में काला व ऊपर के हिस्से में सफेद रंग होता है, क्योंकि अस्पताल में उपयोग होने वाले आक्सीजन सिलिंडरों का यह निर्धारित कोड है, जबकि कंपनी ही इन सिलिंडरों को पेंट किया हुआ देती है। जिससे इनकी पहचान हो सके कि जो सिलिंडर दिया गया है वह कहां उपयोग होने वाला है।
गौरतबल है कि गायब हुए आक्सीजन सिलिंडरों को लेकर सुपर स्पेशियलिटी के कर्मचारी लिखित में शिकायत कर चुके हैं कि जेएएच के किचन प्रभारी घनश्याम धनोलिया के निर्देश पर सुपर स्पेशियलिटी के डी टाइप 40 सिलिंडर पर काला व सफेद रंग पोता गया और उस पर रोटरी क्लब लिखा गया। इस शिकायत पर जेएएच प्रबंधन ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया। वहीं आक्सीजन के नोडल डा. आशीष माथुर का कहना है कि उपयोग के दौरान उठापटक में जो आक्सीजन सिलिंडर खराब हो गए थे, उनकी रंगाई पुताई कराकर जेएएच लिखवाया गया है।
55 लाख के सिलिंडर नजरों से ओझल: जयारोग्य अस्पताल से करीब 55 लाख रुपये के 341 सिलिंडर आंखों से ओझल हो गए, जबकि जेएएच अधीक्षक की टीम से लेकर नोडल अधिकारी इनकी निगरानी में लगे रहे। इधर संभागायुक्त के जांच दल ने जब 7 जुलाई 2021 को सिलिंडरों की गिनती कराई तो कम निकले तब सिलिंडरों के गायब होने का पर्दाफाश हुआ, जबकि सिलिंडरों की रंगाई पुताई मई 2021 में कराई गई। वह भी तब जब कोरोना कहर बरपा रहा था।़किंपनी से ही आता है कोड: एमके एयर प्रा.लि. कंपनी के संचालक शुभम गर्ग का कहना है कि सिलिंडर बनाने वाली कंपनी कलर करके ही देती है। मेडिकल में उपयोग आने वाले सिलिंडर काले व सफेद, नाइट्रोजन वाला सिलिंडर नीला, इंडस्ट्री आक्सीजन वाला सिलिंडर पूरा काला और आर्गन सिलिंडर मटमैले रंग का होता है, इसलिए पेंट करने की जरूरत नहीं होती।