
बिलासपुर न्यूज धमाका – न्यायधानी बिलासपुर इन दिनों ठगी के मामलों को लेकर चर्चा में है। लगातार सामने आ रहे ठगी के मामलों से न केवल व्यापारी वर्ग में हड़कंप है, बल्कि सरकारी तंत्र की कमजोर निगरानी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामलों में दो व्यापारी बड़े पैमाने पर ठगी का शिकार हुए हैं, जबकि तीसरे मामले में शिक्षा विभाग के एक एपीसी द्वारा सरकारी खजाने को ही लाखों का चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है।
पहला मामला: गारमेंट व्यापारी से 5.29 करोड़ की ठगी
बिलासपुर के गारमेंट व्यापारी मनोज तिवारी ने सरकारी संस्थान में स्वेटर सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर 5.29 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। पीड़ित व्यापारी के अनुसार, चार लोगों ने मिलकर उसे झूठे दस्तावेज और भरोसे के झांसे में लेकर यह रकम हड़प ली।
इस मामले में तारबाहर थाना में चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दूसरा मामला: परफ्यूम एजेंसी देने के नाम पर 4.5 लाख की धोखाधड़ी
भवानी नगर निवासी जोंटी सिंह के साथ परफ्यूम एजेंसी दिलाने के नाम पर 4.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। आरोपी एक प्राइवेट कंपनी से जुड़े हैं, जिसमें एमडी, एचआर और दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ सिरगिट्टी थाना में मामला पंजीबद्ध किया गया है।
तीसरा मामला: एपीसी ने 13 साल तक उठाया अधिक वेतन, सरकार को 9.46 लाख का नुकसान
रामेश्वर जायसवाल, जो कि समग्र शिक्षा अभियान में सहायक कार्यक्रम समन्वयक (APC) के पद पर कार्यरत हैं, ने गलत वेतन फिक्सेशन कराकर 13 वर्षों तक सरकार से अधिक वेतन उठाया। इस घोटाले से सरकार को 9.46 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
जांच में खुलासा होने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आरोपी के वेतन से 60 महीने तक 15,700 रुपए प्रतिमाह की कटौती का आदेश जारी किया है।
बिलासपुर में ठगी की बढ़ती घटनाएं – प्रशासन की चुनौतियां
लगातार हो रहे ठगी के मामलों से न्यायधानी में व्यापारियों और आम नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह गंभीर चेतावनी है कि आर्थिक अपराध रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और सतर्कता बरती जाए।