झारखण्ड

इस राज्य में गहराया बिजली संकट, सात जिलों में 50 दिनों से हो रही 50 प्रतिशत तक कटौती

रांची न्यूज़ धमाका //  झारखंड इन दिनों बिजली संकट के दौर से गुजर रहा है। राज्य के सात जिलों में बिजली आपूर्ति के लिए जिम्मेदारदामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) हर रोज लगभग आठ घंटे तक बिजली कटौती कर रहा है। सेंट्रल पूल और अन्य एजेंसियों से भी राज्य को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। इस वजह से ज्यादातर जिलों में लगातार लोड शेडिंग हो रही है। बिजली संकट पर राज्य के उद्यमियों ने गहरी चिंता जतायी है। उद्यमियों और व्यवसायियों की अग्रणी संस्था झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बिजली संकट पर गंभीर सवाल उठाये हैं। उन्होंने राज्य सरकार से पूछा है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो राज्य में उद्योग-धंधे कैसे चलेंगे?

झारखंड सरकार पर दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के लगभग 22 सौ करोड़ रुपये बकाया हैं। इसे लेकर हजारीबाग, रामगढ, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद को मिलने वाली बिजली में बीते 6 नवंबर से ही 50 फीसदी तक की कटौती की जा रही है। डीवीसी ने झारखंड बिजली वितरण निगम से बकाया भुगतान को लेकर प्लान मांगा है। फिलहाल झारखंड की ओर से निगम को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है, लेकिन डीवीसी का कहना है कि बकाये का बैकलॉग लगातार बढ़ रहा है। इसके भुगतान के लिए राज्य सरकार पूर्व में हुए समझौते का भी पालन नहीं कर रही है। इसके तहत हर महीने कम से कम 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ झारखंड बिजली वितरण निगम ने डीवीसी पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा डीवीसी के बकाये का भुगतान न किये जाने पर केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार के रिजर्व बैंक स्थित खाते से दो बार रकम की कटौती की गयी है। बहरहाल, इस मुद्दे पर गतिरोध जारी रहने की वजह से राज्य के सात जिलों में पिछले 50 दिनों से लगातार बिजली कटौती के चलते उद्यमी, व्यवसायी और आम उपभोक्ता त्रस्त हैं। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने प्रदर्शन भी किया था।

दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बाद नेशनल थर्मल पावर स्टेशन (एनटीपीसी) ने भी इसी महीने राज्य सरकार को बिजली आपूर्ति में कटौती का नोटिस दिया था। एनटीपीसी का 122 करोड़ बकाया है। हालांकि बाद में राज्य सरकार की पहल पर एनटीपीसी ने बिजली कटौती का निर्णय फिलहाल स्थगित कर दिया।

झारखंड में फिलहाल 1600 मेगावाट बिजली की डिमांड है, लेकिन इसके बदले राज्य को बमुश्किल 1200 से 1300 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है। इस वजह से रांची सहित राज्य के ज्यादातर जिलों में चार से लेकर आठ घंटे तक की लोडशेडिंग चल रही है।

इधर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को रांची में बैठक कर राज्य में उत्पन्न बिजली संकट पर गहरी चिंता जतायी। चैंबर ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो राज्य में उद्योग-धंधे चलाना बेहद मुश्किल हो जायेगा। झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भी राज्य में बिजली की स्थिति पर चिंता जता चुका है

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Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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