बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा, विदेश मंत्री का दावा, केवल दो हिंदुओं की मौत, एक ने खुद ही दे दी जान
उन्होंने कहा है कि हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान देश में किसी के साथ बलात्कार नहीं हुआ और ना एक भी हिंदू मंदिर को खंडित नहीं किया गया। हिंसा की खबरों को उन्होंने प्रोपगेंडा का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, सरकार ने इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं हैं। इस हिंसा में जो भी लोग दोषी हैं, उन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं। मोमेन ने कहा कि हिंसा में 20 घरों को जला दिया गया था जिन्हें अब फिर से बनाया गया है। इसके अलावा सभी पीड़ितों को मुआवजा भी मिला है। बता दें कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री का यह बयान सूचना और प्रसारण मंत्री एम हसन महमूद के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, पाकिस्तान के करीबी तत्व, जिन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध किया था, वे बांग्लादेश में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने धर्म को संविधान में लाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद को भी दोषी ठहराया।
अब्दुल मोमेन ने कहा कि हाल ही में हुई हिंसा में कुल 6 लोगों की जान गई। जिसमें 4 मुस्लिम थे और दो हिंदू शामिल थे। बयान में उन्होंने कहा कि “मरने वाले 2 हिंदुओं में एक की मौत सामान्य थी और दूसरे की मौत तालाब में कूदने से हुई थी। हालांकि उन्होंने इस बात को माना कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।वहीं बांग्लादेश में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में 22 अक्टूबर को संदिग्ध इकबाल हुसैन को काक्स बाजार से गिरफ्तार कर लिया गया था। उस पर कोमिल्ला में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान की प्रति रखने का संदेह है।जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सवों के दौरान सोशल मीडिया पर ईशनिंदा वाली पोस्ट के बाद मंदिरों पर हमलों की घटनाएं देखी गईं। इसके चलते बीते दिनों भीड़ ने 66 मकान क्षतिग्रस्त कर दिए थे और कम से कम 20 मकानों को फूंक दिया था।