दिल्ली न्यूज़ धमाका /// भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) जल्द ही अब अस्पताल में जन्में नवजात शिशुओं को आधार कार्ड उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जल्द ही अस्पतालों को आधार एनरोलमेंट की सुविधा दी जाएगी जिसके जरिए वो हाथोहाथ नवजात शिशुओं का आधार कार्ड बना देंगे।
ALSO READ : हैदराबाद में मरीज की किडनी से निकाले 156 स्टोन
एएनआई से बात करते हुए,यूआईडीएआईके मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सौरभ गर्ग ने कहा, ‘यूआईडीएआई नवजात शिशुओं को आधार नंबर देने के लिए बर्थ रजिस्ट्रार के साथ टाइअप करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में अभी तक 99.7 फीसदी वयस्क आबादी को आधार नंबर जारी किया जा चुका है। इसके लिए करीब 131 करोड़ आबादी को एनरोल किया गया है और अब हमारा प्रयास नवजात शिशुओं के नामांकन करने का है।
कि देश में हर साल 2 से 2.5 करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं। हम उन्हें आधार में एनरोल करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के समय एक तस्वीर क्लिक करके उसके आधार पर आधार कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। यूआईडीएआई के सीईओ ने बताया, ‘हम पांच साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक्स नहीं लेते हैं, लेकिन इसे उसके माता-पिता में से किसी एक के साथ या तो माता या पिता के साथ लिंक करते हैं और पांच साल की उम्र पार करने के बाद बच्चे का बायोमेट्रिक्स लेंगे।’
पिछले साल लगाए थे 10 हजार कैंप
गर्ग ने आगे कहा, हम अपनी पूरी आबादी को आधार नंबर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल हमने दूरदराज के इलाकों में 10 हजार कैंप लगाए थे, जहां उन्हें बताया गया है कि बहुत से लोगों के पास आधार नंबर नहीं है। इसके बाद करीब 30 लाख लोगों को आधार के लिए एनरोल किया गया था।
2010 में आवंटित किया गया था पहला आधार नंबर
गर्ग ने आगे कहा, ‘साल 2010 में पहला आधार नंबर आवंटित किया गया था। शुरू में हमारा ध्यान अधिक से अधिक लोगों को नामांकित करने पर था और अब हमारा ध्यान अपडेट करने पर है। लगभग 10 करोड़ लोग हर साल अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर अपडेट करते हैं। 140 करोड़ बैंक खातों में से 120 करोड़ खातों को आधार से जोड़ा गया है।’