श्योपुर,न्यू धमाका :- जिले के विजयपुर तहसील के बड़ौदाकलां गांव की काजल महज 21 साल 2 महीने के अंदर ही सरपंच बन गई हैं। उन्हें मध्य प्रदेश में सबसे कम उम्र की सरपंच माना जा रहा है। काजल का कहना है कि पंचायत का विकास कराने का जो सपना आंखों में था उसे पूरा करने के लिए वरिष्ठ जनों से मार्गदर्शन लेकर सरपंच बनने का फैसला किया। घोषित हुए परिणाम में वह 350 मतों से विजय हुई हैं। काजल की जीत की खुशी परिवार जनों के साथ पूरा गांव मना रहा है।
तीसरे चरण में चुनाव हुआ सम्पन्न
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण में 8 जुलाई को विजयपुर जनपद पंचायत की 88 ग्राम पंचायतों में चुनाव संपन्न हुए थे। वोटिंग के बाद पोलिंग बूथ केंद्र पर ही काउंटिंग की गई। जिसमें ग्राम पंचायत बड़ौदाकलां की एक 21 वर्षीय काजल 350 वोटों से विजय हुई है। 14 जुलाई बुधवार को जीत का प्रमाण पत्र मिल गया है। प्रमाण पत्र मिलने के बाद समर्थकों ने मिठाई खिलाकर व माला पहनाकर उसका सम्मान किया।
बीएससी नर्सिंग की कर रही पढ़ाई
काजल का जन्म 20 मई 2001 को हुआ था। ग्वालियर में रहकर बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। उनके पिता श्रीनिवास धाकड़ गांव में ही खेती किसानी करते है। काजल बताती हैं, कि जब बहुत छोटी थी तब उनके ताऊजी स्वर्गीय विजयपाल सिंह धाकड़ सरपंच रहे थे और अभी चाचा इसी पंचायत सचिव है।
गांव की करूंगी विकास
नवनिर्वाचित महिला सरपंच काजल धाकड़ ने वनइंडिया हिंदी को बताया कि, पंचायत के विकास के लिए काम करना है। जब सरपंच के लिए पंचायत में पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षण हुआ, अभी मैंने उद्देश बना लिया था कि चुनाव लड़कर गांव की समस्या दूर गांव का विकास करुंगी। अब यह सपना साकार हो गया है।
गांव की हर समस्या को दूर करना और पंचायत वासियों को शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिलवाना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। हमारे पंचायत में पूर्व गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिले सबसे पहले उन्हें आवास दिलवाउंगी। गांव में पीने के पानी की बहुत समस्या हैं, इसके लिए हर घर में नल से पानी के पहुंचाने के लिए काम करूंगी।