सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने भूख और कुपोषण से लड़ने के लिए सामुदायिक रसोई की अवधारणा पर चर्चा करने के लिए आज राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक आमंत्रित की है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल बैठक की इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे और सामुदायिक रसोई से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर फैसला लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार में इस तरह की मौतों की जानकारी देते हुए कहा था कि सामुदायिक रसोई की स्थापना जरूरी है।
मिली जानकारी के अनुसार बैठक में जिन संभावित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उनमें मॉडल सामुदायिक रसोई योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के कार्यान्वयन की स्थिति, राशन कार्ड को आधार से जोड़ना, बायोमेट्रिक रूप से प्रमाणित उचित मूल्य की दुकानों के लेनदेन और अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।सामुदायिक रसोई की अवधारणा पर काम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों को दिया है निर्देश
भुखमरी से बचाना सरकार का है कर्तव्य- सुप्रीम कोर्ट– सामुदायिक रसोई की अवधारणा पर काम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों को निर्देश दिया है और इस संबंध में एक व्यापक नीति बनाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि लोगों को भुखमरी से बचाना सरकार का कर्तव्य है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कम्युनिटी किचन बनाने के लिए देश की सभी राज्य सरकारों से चर्चा करें और योजना का मसौदा 3 सप्ताह में तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि ऐसी योजना राज्यों के सहयोग और भागीदारी से ही चलाई जा सकती है। इसलिए इस योजना में राज्यों की सक्रिय भागीदारी बहुत आवश्यक है।