इंदौर,न्यूज़ धमाका :- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर ने नकली फिंगर प्रिंट के जरिए होने वाले क्राइम को रोकने का तरीका खोज लिया है। आइआइटी इंदौर ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी (आइइटी) के विज्ञानियों के साथ मिलकर फिंगरप्रिंट बायोमीट्रिक सिस्टम बनाया है। इससे बायोमीट्रिक मशीनों के अंदर एक सेंसर लगाया जा सकेगा जो पल्स पढ़कर इस बात की पहचान कर सकेगा कि फिंगर प्रिंट असली है या नकली। इस रिसर्च का पेटेंट भी करा लिया गया है।
इसमें सबसे खास बात यह है कि जब भी कोई अपनी अंगुली बायोमीट्रिक मशीन पर रखेगा तो स्कैनर उसके दिल की धड़कन को भी पढ़ लेगा। इससे मृत व्यक्ति का फिंगर प्रिंट कभी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसके जरिए आधार सहित अन्य बायोमीट्रिक सिस्टम की सुरक्षा और अच्छी हो सकेगी। आजकल बैंकों सहित दफ्तरों और घरों में भी चोरी रोकने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। वहीं कई परीक्षाओं में बैठने से पहले परीक्षार्थियों के फिंगर प्रिंट बायोमीट्रिक मशीन से लिए जाते हैं। इस रिसर्च का उपयोग कर बनाई गई बायोमीट्रिक मशीनों से मृत व्यक्ति और नकली फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।