उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक इंटरव्यू में खुले में नमाज पढ़ने से रोकने को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कुछ ऐसा कहा था।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में नोएडा के सेक्टर-65 के एक पार्क में सार्वजनिक रूप से नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। नोएडा पुलिस ने ये एक्शन एक ट्वीट को देखते हुए लिया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ऐसा कर रहे लोगों से मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की बात कही। मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।
वायरल हो रहे इंटरव्यू में सीएम योगी से वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा सवाल पूछते हैं, ‘नोएडा में वो खुले में नमाज़ पढ़ते थे, लेकिन आपने उन्हें खुले में नमाज़ पढ़ने से रोक दिया। आखिर ऐसा क्यों?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘देखिए, ये तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सार्वजनिक स्थल पर इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जाए। नमाज़ की सही जगह मस्जिद होगी या उसका एक निश्चित स्थान होगा। मुझे आश्चर्य होता है कि आज किसी पार्क में जाकर नमाज़ पढ़ेंगे तो कल हिंदू भी किसी चौराहे पर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा।’
योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘अगर हिंदू ऐसा करेगा तो क्या आप उसे रोक पाएंगे? अगर आप एक को नहीं रोकेंगे तो दूसरे को क्यों रोकेंगे? इसलिए व्यवस्था बनाई गई है कि जहां जिसके लिए जगह होगी वो वहीं ये सब करेगा। अपनी उपासना और कार्य को निश्चित स्थल पर ही किया जाना चाहिए। उपासना विधि के बारे में मुझसे ज्यादा कौन जा सकता है? सार्वजनिक जगहों पर सभी के लिए रोक है। ऐसा नहीं है किसी विशेष समुदाय को ही ऐसा करने के लिए रोका गया है। हमने कई चीजों पर सीधा रोक लगा दी है।’
ईद क्यों नहीं मनाते? एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पूछा गया था, ‘आप ईद क्यों नहीं मनाते हैं, इसका मतलब है कि आप सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति करते हो।’ इसके जवाब में उन्होंने साफ कहा था, ‘मैं जबरन पाखंड नहीं कर सकता। मेरी आस्था जिसमें है मैं उसी का पाठ करूंगा। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता कि अंदर चोरी-छिपे टीका लगाऊं और बाहर निकल सबके सामने टोपी भी पहनने लगूं। मैं जनता को और लोगों को ऐसे किसी भी चीज में घुमाना या गुमराह नहीं करना चाहता हूं।’