दिल्ली न्यूज़ धमाका // शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन में -राज्यसभा द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है क्योंकि नियम 256 के मुताबिक, सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है। जब मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है, तो इस नये सत्र में सदस्यों का निलंबन किया जाना पूरी तरह से अनुचित है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, वहां भी आरोपी की बात को सुना जाता है। उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं। कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है, मगर तो यहां हमारा पक्ष नहीं सुना गया।’
आपको बता दें कि संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन यानी 11 अगस्त को उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि उन पर उन मार्शलों ने हमला किया, जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा भी नहीं थे। जबकि हंगामे पर सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पुरुष मार्शल पर सीपीएम सांसद एलमारन करीम ने जबकि राज्यसभा की एक महिला मार्शल पर छाया वर्मा और कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने हमला किया था।