इस एनजीओ के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों के लिए दिसंबर 2019 में 2276 और 2021 में 1147 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी.
आयुष्मान भारत रोजगार योजना के तहत नौकरीके लिए आवेदन किया है? क्या आपने भी परीक्षा दी और काउंसलिंग हो चुकी है? क्या आपको नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) भी मिल चुका है? अगर इन सब प्रश्नों में से किसी भी एक का उत्तर हां है तो समझ लीजिए कि आपके साथ धोखा हुआ है. त्रिवेदी ने बताया कि जब अभ्यर्थियों ने स्कूलों में जाकर नियुक्ति-पत्र दिखाया तो पता चला कि यह फर्जी है. ठगी का पता चलने के बाद जब पैसे वापस मांगे गए तो जान से मारने की धमकी दी जाने लगी. इस मामले में बनारस, बलिया, लखनऊ, कन्नौज, मुरादाबाद, गाजियाबाद सहित विभिन्न जिलों के रहने वाले लोग शिकार हुए हैं. शिकायत के मुताबिक अभ्यर्थियों से कहा गया कि उनकी तैनाती होम डिस्ट्रिक्ट में ही होगी. प्रवेश शुल्क के नाम पर सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग से 380 रुपये और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों से 280 रुपये लिए गए. इसके बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा ली गई और काउंसलिंग के लिए सभी से 500-500 रुपये वसूले गए. इसके बाद प्रत्येक अभ्यर्थी से 1 लाख 55 हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र दिए गए. नोएडा में थाना फेस-3 के प्रभारी इंस्पेक्टर विवेक त्रिवेदी ने बताया कि जिला मऊ निवासी श्वेता सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि सेक्टर 63 में आयुष्मान भारत योग एवं प्रशिक्षण संस्थान है. घटना की शिकायत पर थाना फेस-3 पुलिस ने एनजीओ के चेयरमेन दामोदर कुमार शर्मा, न्यासी संजय चौधरी, संस्थापक विपुल, अध्यक्ष अब्बाशी और तकनीकी प्रमुख विनीत गुप्ता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. (इनपुट – पीटीआई)