टाटा पावर ने दिल्ली में ग्राहकों को संदेश भेजा.
नई दिल्ली न्यूज़ धमाका : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बिजली संकट का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. टीपीडीडीएल (TPDDL) ने कहा कि पावर पलांट्स में कोयले का भारी संकट है. दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली की सप्लाई में दिक्कत हो सकती है. जिम्मेदार नागरिक बनें और संयम रखें. भारत में कोयले से बिजली बनाने वाले 135 पावर प्लांट्स हैं. इनमें से 107 पावर प्लांट्स के पास सिर्फ 5 दिन का कोयला बचा है. वहीं 28 पावर प्लांट्स के पास महज 2 दिन का कोयला है. पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि अगस्त और सितंबर के बाद ये लगातार तीसरा महीना है जब बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है. सीएम केजरीवाल ने चिट्ठी में केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (CERC) की तरफ से बनाए गए नियम का हवाला देते हुए कहा है कि प्लांट को 10 से 20 दिन का कोयला स्टॉक रखना होता है, लेकिन 5 पावर प्लांट के पास 1 दिन से भी कम का कोयला बचा है. जिसका असर गैस स्टेशन पर पड़ रहा है. अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो दिल्ली में भीषण बिजली संकट देखने को मिल सकता है. भारत में बिजली संकट इस वजह से आ सकता है क्योंकि देश में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स की संख्या 135 है. इनमें से 107 पावर प्लांट्स के पास सिर्फ 5 दिन का कोयला बचा है. वहीं 28 पावर प्लांट्स के पास महज 2 दिन का कोयला है. भारत के पावर प्लांट्स में जहां एक तरफ कोयले की किल्लत दर्ज की गई तो दूसरी तरफ भारत में बिजली की कुल खपत भी इन्हीं महीनों में बढ़ी है. जिसने भारत के कई राज्यों में पावर कट जैसी समस्या को जन्म दे दिया. ऊर्जा मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार, 2019 में अगस्त-सितंबर महीने में बिजली की कुल खपत 10 हजार 660 करोड़ यूनिट प्रति महीना थी. ये आंकड़ा 2021 में बढ़कर 12 हजार 420 करोड़ यूनिट प्रति महीने तक पहुंच गया है.इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.दिल्ली के ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, कोयले की कमी से सिर्फ दिल्ली ही नहीं उत्तर भारत में समस्या हो सकती है. फिलहाल दिल्ली में कोई बिजली संकट नहीं है. इस मामले पर ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं.जान लें कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयले का उत्पादक देश है. इस साल सितंबर महीने में भारत में नॉर्मल से 27 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई. इस बारिश की वजह से भारत की कई कोयला खदानों में पानी भर गया और वहां हफ्तों तक खनन का काम ठप्प रहा. कोयला खदानों से निकल कर पावर प्लांट्स तक नहीं जा पाया. जिस कारण से भारत के पावर प्लांट्स में कोयले की किल्लत हो गई है.जिसके कारण पावर प्लांट्स में कोयले की खपत भी 2021 के अगस्त-सितंबर महीने में 2019 के मुकाबले 18 प्रतिशत तक बढ़ गई. प्रोडक्शन में कमी और खपत में बढ़ोतरी की वजह से पावर कट ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी संकट में डाल दिया है.