
रायपुर न्यूज धमाका – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फरार हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर की तलाश में पुलिस का शिकंजा और कसा है। मंगलवार देर रात उनके करीबी रविंदर सिंह और ऋषभ सिंह के ठिकानों पर की गई छापेमारी में करीब 40 करोड़ की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज, ₹3.5 करोड़ की सोने की ज्वेलरी, ₹10 लाख की चांदी, 8 लाख नकद, बैंक पासबुक, चेक और एटीएम कार्ड जब्त किए गए हैं।
छापेमारी की मुख्य बातें:
- समय: मंगलवार रात 8 बजे शुरू हुई कार्रवाई बुधवार सुबह 7 बजे तक चली
- स्थान: भाठागांव स्थित वालफोर्ट सिटी (रविंदर सिंह) और हनुमान वाटिका (ऋषभ सिंह)
- जब्त सामग्री:
- 150+ प्रॉपर्टी रजिस्ट्री दस्तावेज
- ₹3.5 करोड़ मूल्य का सोना
- ₹10 लाख की चांदी
- ₹8 लाख नकद
- बैंक दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक
पुलिस की आशंका और जांच दिशा:
पुलिस को संदेह है कि जब्त किए गए दस्तावेज उन लोगों के हैं जिन्होंने तोमर बंधुओं से ऊँची ब्याज दरों पर कर्ज लिया था। बाद में इनकी संपत्तियाँ ज़ब्त कर ली गईं और दस्तावेज रविंदर व ऋषभ सिंह जैसे करीबियों के पास रखवाए गए।
छानबीन में यह भी सामने आया है कि तोमर बंधु ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के जरिए अवैध संपत्ति बना रहे थे। आयकर विभाग को भी इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।
रविंदर और ऋषभ की भूमिका:
- रविंदर सिंह: पेट्रोल पंप और फैक्ट्री मालिक, तोमर बंधुओं का करीबी।
- पूछताछ में संपत्ति को वैध व्यवसाय से अर्जित बताया
- ऋषभ सिंह: पुलिस को अपेक्षित सामग्री नहीं मिली
- आशंका है कि उसे छापे की पूर्व सूचना मिल चुकी थी
तोमर बंधु पहले भी रह चुके हैं जांच के घेरे में:
- 3 जून 2025: भाठागांव स्थित उनके घर पर छापे में
- ₹35.10 लाख नकद
- 734 ग्राम सोना, 125 ग्राम चांदी
- BMW, थार, ब्रेजा गाड़ियाँ
- 70+ ब्लैंक चेक, 120+ इकरारनामे
- 17 रजिस्ट्री दस्तावेज जब्त किए गए थे
उत्तर प्रदेश में छिपे होने की आशंका:
रायपुर पुलिस को आशंका है कि वीरेंद्र और रोहित तोमर उत्तर प्रदेश में कहीं छिपे हो सकते हैं।
अब तक उनके खिलाफ 12 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से सूदखोरी और वाहन लेन-देन से जुड़े मामले हैं।
रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा:
“तोमर बंधुओं की तलाश तेज़ी से जारी है। उनके करीबियों से मिली संपत्ति की जांच की जा रही है। यदि कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो उसे ज़ब्त सामग्री वापस की जा सकती है।”
निष्कर्ष:
तोमर बंधुओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस का शिकंजा अब और कसता जा रहा है। अब तक मिली संपत्ति और दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करते हैं कि मामला केवल आपराधिक गतिविधियों तक सीमित नहीं, बल्कि संगठित कालेधन और सूदखोरी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त जांच से आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।