करमन खटकर, जिला शिक्षा अधिकारी – ओढ़ में तत्काल शिक्षक व्यवस्था के लिए बीईओ को निर्देशित किया गया है. रही बात तो संसोधन आदेश का, नए भर्ती दिव्यांग शिक्षको के आवेदन पर ही विचार कर संसोधन आदेश निकाला गया है. अगर पात्रता नहीं रखने वालों के भी संसोधन किये गए होंगे तो उसको दिखवाता हूं
गरियाबन्द न्यूज़ ब्लॉक में दुर्गम पहाड़ो पर बसे जनजाति बाहुल्य ग्राम ओढ़ पंचायत के ओढ़ बालक आश्रम, अमलोर, हथोडाडीह, नगरार, कूकरार एक शिक्षकीय होने के कारण आये दिन पढ़ाई प्रभावित होती रहती है. हाल ही में जिले में 127 नए शिक्षको की भर्ती की गई. लेकिन यंहा एक की भी नियुक्त नहीं करने से नाराज ग्रामीण शनिवार से स्कूलों में ताला लगाकर इसका विरोध कर रहे है सोमवार को भी वहां के 5 शैक्षणिक संस्थाओं में ताला लटका रहा. सरपंच रामसिंह सोरी, उपसरपंच विष्णु यादव, पालक निरंजन सोरी, तुलसी सोरी, सरजू सोरी समेत 100 से भी ज्यादा ग्रामीण स्कूलों में ताला लटका कर विरोध प्रदर्शन कर रहे है.सरपंच रामसिंह ने कहा कि विगत दो वर्षों में 10 बार जिला मुख्यालय पहुंच कर शिक्षक की मांग कर चुके थे. नई भर्ती में रिक्त पदों को भरने का आश्वासन भी दिया गया था. 8 सितम्बर को पुनः कलेक्टर व डीईओ को मांग से अवगत कराए थे. सप्ताह भर पहले कुकरार पीएस के लिए राजेश देवांगन नाम के एक नए शिक्षक की भर्ती की गई. लेकिन 4 दिनों बाद उसका संसोधन आदेश निकालकर मनचाहा स्कूल भेज दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसी मनमानी जिला कार्यालय के दफ्तर में टेबल सम्भाल रहे बाबू अफसर के जानकारी बगैर ऊपर ही ऊपर संसोधन कर रहे है. जब तक ओढ़ में शिक्षको की पूर्ति नहीं की जाति तालाबंदी जारी रहेगा, क्योंकि स्कूल खुल कर के भी हमारे बच्चों का कुछ भला नहीं हो रहा है मुख्यालय से नजदीक सबके पसंदीदा स्कूल पारागांव में पहले से 4 की पोस्टिंग है, संसोधन में आये एक और चहेते को भेज 5 कर दिया गया. छात्र संख्या के अनुपात से पहले ही चिखली पीएस में 5 शिक्षक थे एक और भेज 6 कर दिया गया. मैनपुर 2 में पहले से पर्याप्त थे लेकिन संसोधन के खेल में एक और भेज 3 शिक्षकीय कर दिया गया. यह केवल जिला मुख्यालय की स्थिति है. जिले के अन्य 4 ब्लॉक में भी पदस्थ व संसोधन के नाम पर जम कर खेल खेला गया हैटेबल से संसोधन की मनमानी के आरोपों की सच्चाई जानने हमने पड़ताल की. कुछ ऐसे आंकड़े मिले जो ग्रामीणों के आरोपो की पुष्टि करता है. नये भर्ती 127 सहायक शिक्षक में से गरियाबन्द ब्लॉक को 22 शिक्षक दिए गये, जिसमे 15 ने आदेश का पालन किया, जबकि 7 शिक्षको ने आदेश का संसोधन करवा कर अपने मनपसंद ब्लॉक चले गए. जिले से बाहरी ज्यादातर लोग आवाजाही की सुगमता को देखते हुए फिंगेश्वर ब्लॉक में अपना पोस्टिंग करवाया है. हैरानी की बात है कि इस ब्लॉक में 25 से ज्यादा एक शिक्षकीय होने के बावजूद संसोधन आदेश के जरिये गरियाबन्द आये शिक्षको की पोस्टिंग्स इन स्कूलों में नहीं हुई. क्योंकि ये सभी दूरस्थ इलाको पर बसे स्कूल है. इन जगहों की पूर्ती की परवाह किये बगैर टेबल पर बैठे ज़िम्मेदारो ने जिन्हें जरुरत नहीं वंहा पोस्टिंग कर दी है