
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेता मानते हैं कि देश मे कोयले की कमी नहीं है! वर्तमान समस्या की एक बड़ी वजह इसके खनन में आई है. कोयल का प्रबंधन भी एक बड़ी समस्या है. इसके अलावा खनन के तरीकोंं का पुराना होना, इनका आधुनिकीकरण न हो पाना भी एक समस्या रही है. उनके मुताबिक कोयले के प्रबंधन से इस समस्या से बचा जा सकता है
कोयले की कमी और इसके पीछे कई कारणों से आनेवाले दिनों में देश में बिजली संकट हो सकता है
चीन के बाद आने वाले दिनों में भारत में भी घोर बिजली संकट की स्थितियां पैदा हो सकती हैं. कहा जा रहा है कि बस चार दिन के लिए ही कोयले का स्टॉक बचा हुआ है. ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक काफी कम हो चुका है. जानकारी के मुताबिक कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन से भी कम का स्टॉक बचा हुआ है. जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है जहां कोयले का चार से 10 दिन का स्टॉक बचा है. बता दें कि देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन कोयले के द्वारा ही होता है
किस वजह से हुई है बिजली की कमी
ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बिजली संकट के पीछे की कई वजहें हैं जिसमें से प्रमुख कोरोना काल में दफ्तर के काम से लेकर अन्य काम घर से ही निपटाए जा रहे थे और लोगों ने इस दौरान जमकर बिजली का इस्तेमाल किया. दूसरी वजह हर घर बिजली देने का लक्ष्य, जिससे पहले के मुकाबले बिजली की मांग काफी बढ़ गई है.ऊर्जा मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार 2019 में अगस्त-सितंबर महीने में बिजली की कुल खपत 10 हजार 660 करोड़ यूनिट प्रति महीना थी और अब यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 12 हजार 420 करोड़ यूनिट प्रति महीने तक पहुंच गया है
देश में वैकल्पिक ऊर्जा के विकल्प फिलहाल कम
ऊर्जा की खपत या मांग को पूरा करने में कोयला अहम भूमिका अदा करते हैं और कोयले की कमी का सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ सकता है. बता दें कि कोयले की वजह से बिजली संकट केवल भारत के लिए ही परेशानी खड़ी नहीं कर रहा है बल्कि चीन भी इससे दो चार हो रहा है. आलम ये है कि चीन हर कीमत में इसकी खरीद करने को तत्पर दिखाई दे रहा है. भारत की ही तरह चीन में भी ऊर्जा की जरूरत के लिए कोयले पर ही निर्भर है. इन देशों में अभी वैकल्पिक ऊर्जा का विकल्प कम है
बारिश भी बनी है बड़ी वजह
भारी बारिश के कारण खदानों में पानी भर जाने की वजह से कोयले की निकासी नहीं हो पा रही है. अधिकारियों ने कहा है कि जिन बिजलीघरों में कोयले का स्टॉक कम रह गया है वहां उत्पादन घटा दिया गया है ताकि इकाइयां पूरी तरह बंद करने की नौबत न आए. चूंकि अभी मांग बहुत ज्यादा नहीं है इसलिए स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन, इसी सप्ताह नवरात्रि के साथ शुरू हो रहे त्यौहारी सीजन में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है. इसलिए बिजली संकट पैदा हो सकता है भारत के पास बहुत बड़ा कोयला का भंडार है, लेकिन खपत बढ़ने से इसपर बुरा प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा भारत को कोयले का आयात इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से करता है और अब कोयले की कीमत में तिगुनी वृद्धि हो गई है.