उत्तरप्रदेश,न्यूज़ धमाका :- वाराणसी का ज्ञानवापी केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शुक्रवार को अहम सुनवाई होगी। वहीं जूमे की नमाज को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद में हलचल तेज है। हालांकि मस्जिद कमेटी ने अपील की है कि कम से कम लोग नमाज के लिए पहुंचे। वहीं, यूपी में अफसरों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष के अनुरोध पर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी थी लेकिन कोर्ट ने वाराणसी की अदालत से कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होती है तब तक वह मामले की सुनवाई न करे।
ये आदेश गुरुवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने दिये। ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मस्जिद का सर्वे कराने के आदेश का विरोध किया है। कमेटी ने याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के गत 21 अप्रैल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की सर्वे पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी।
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर हिन्दू पक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी को निर्देश दिया था कि उस जगह की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए जहां शिवलिग मिलने का दावा किया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि इससे मुसलमानों के मस्जिद में नमाज पढ़ने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।
मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी थी लेकिन हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट से मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टालने का अनुरोध किया। विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले में निचली अदालत में मूल वाद कर्ताओं के वकील हरिशंकर जैन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्हें गुरुवार को ही अस्पताल से छुट्टी मिली है। वे गुरुवार को कोर्ट आने में असमर्थ हैं इसलिए मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी जाए।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होने तक वे निचली अदालत में सुनवाई के लिए जोर नहीं देंगे। कोर्ट ने अहमदी और जैन के बयानों को आदेश में दर्ज करते हुए वाराणसी की अदालत को निर्देश दिया है कि वह पक्षकारों द्वारा कोर्ट में दी गई सहमति का ध्यान रखें और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक मामले की सुनवाई न करें।