
रायपुर न्यूज धमाका – बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक 22 वर्षीय प्रसूता साक्षी निषाद की दर्दनाक मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की अनुपस्थिति में वार्ड ब्वॉय द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद प्रसूता की तबीयत और बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और थाने में प्रदर्शन किया और लापरवाह स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना का विवरण:
मृतिका के पति दीपक निषाद ने बताया कि उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे डिलीवरी हुई और उन्हें बेटी हुई। लेकिन डिलीवरी के बाद साक्षी की तबीयत बिगड़ती चली गई।
रात 2 बजे प्रसूता को दर्द तेज हुआ, परिजन लगातार स्टाफ से डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे। लेकिन अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं था। इस दौरान एक वार्ड ब्वॉय ने इंजेक्शन लगाया और पानी पिलाया, जिसके 5 मिनट बाद साक्षी की हालत गंभीर हो गई। सांस फूलने लगी और वह बेहोश हो गई।
हड़बड़ी में उसे मेकाहारा अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों के आरोप:
- अस्पताल में डिलीवरी के बाद कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।
- बार-बार कहने पर भी डॉक्टर को नहीं बुलाया गया।
- वार्ड ब्वॉय ने खुद इंजेक्शन लगाया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
- लापरवाही के चलते एक माँ अपनी नवजात बच्ची को ठीक से देख भी नहीं सकी।
प्रतिक्रिया और मांग:
दीपक निषाद ने मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (CMHO) और थाना प्रभारी खमतराई को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि हॉस्पिटल प्रबंधन और ड्यूटी से नदारद डॉक्टर पर आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
वहीं, प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मामला गंभीर होने के चलते जांच के आदेश दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
पृष्ठभूमि:
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की अनुपस्थिति और लापरवाही की शिकायतें आम होती जा रही हैं।