
बलरामपुर न्यूज़ धमाका ///जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र चुनचुना पुदांग गाँव का नाम सुनते ही लोग डर जाते है। वहीं हमारे प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीनेशन के कार्यों में जी जान से लगे हुए हैं, इन स्वास्थ्य कर्मियों के हौसले को न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि जनप्रतिनिधि भी सराहना कर रहे हैं,
घोर नक्सल प्रभावित इलाके चुनचुना पुदांग जिस गाँव को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। वहां धरती के भगवान कहे जाने वाले स्वास्थ्यकर्मी करीब 10 किलोमीटर के दुर्गम पहाड़ी रास्तों का सफर तय कर ग्रामीणों के बीच पहुँचे और जहा नक्सलियों के खौफ के साये के बीच जीवन यापन कर रहे ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया।
मेडिकल टीम की जागरूकता का असर ग्रामीणों में इस कदर हुआ कि नक्सली खौफ को भूलते हुए महामारी से बचाव के टीकाकरण में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यहां 10 नहीं 20 नहीं बल्कि कुल तीन सौ ग्रामीणों का वैक्सीनेशन एक दिन में किया गया। ग्रामीणों ने कहा हम वैक्सीनेशन से डरते जरूर थे लेकिन अब कोई डर नहीं है।
ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा नक्सल प्रभावित गांव में मेडिकल टीम के साथ वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे डॉक्टर ने बताया कि कठिन और दुर्गम रास्तों को तयकर जब हम यहां आ रहे थे तो उम्मीद नहीं थी कि ग्रामीण वैक्सीन लगवाएंगे, क्योंकि गांव नक्सल प्रभावित है और लोगों में पहले से ही जागरूकता की कमी है लेकिन यहां आने के बाद इस अभियान में ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।
वहीं संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने भी मेडिकल टीम की तारीफ करते हुए कहा कि इन जगहों पर मैं भी नहीं पहुंच पाया हूं वहां वैक्सीनेशन करना वाकई तारीफ के काबिल है। मेडिकल टीम का प्रयास वाकई सराहनीय है। कोविड महामारी के दौर में स्वास्थ्यकर्मी देश की सेवा के लिए जो कदम उठा रहे हैं इनके हौसलों की तारीफे जितना करें कम है