रायपुर,न्यूज़ धमाका :- कोरोना काल में औषधीय और पोषक तत्वों की मांग बढ़ने से रोजगार के नए रास्ते खुल रहे हैं। प्रदेश में मुनगा (सहजन) की पत्तियों ने रोजगार के लिए नई उम्मीद जगाई है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके रायपुर के 30 वर्षीय युवक सुधांशु नाफडे ने मुनगे की पत्तियों से परंपरागत तरीके से मुनगा पाउडर, मुनगे के बीज का तेल, मुनगे की टेबलेट, एनर्जी बार, कैप्सूल आदि बनाया, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों, किशोरियों, महिलाओं व अन्य लोगों के कुपोषण को दूर करेगा।
उत्पादों का नाम रखा मैजिक मोरिंगा
इस स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए सुधांशु ने अपने उत्पादों को मैजिक मोरिंगा नाम दिया है। इससे साल भर में ही 250 किसान प्रत्यक्ष रूप से जुड़ गए हैं। ये किसान सुधांशु को मुनगा की पत्तियां बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। इनकी पत्तियों से बने उत्पादों को बाजार में उतारने के लिए सुधांशु ने अपने साथ 20 अन्य लोगों को भी जोड़ लिया है। इससे बनी चीजें घर-घर तक पहुंच पा रही हैं। सुधांशु ने बताया कि कोरोना के समय इंटरनेट मीडिया से उत्पादों की आनलाइन मार्केटिंग की, इसमें अच्छा रिस्पांस मिला। पिछले साल छह लाख रुपये की कमाई हुई।
इंजीनियर ने ऐसे सीखी फूड टेक्नोलाजी
सुधांशु रायपुर के अवंति विहार निवासी किसान और फूड टेक्नालाजिस्ट रजनीश अवस्थी से मुनगे की पत्तियों से बनने वाली चीजों के बारे में बारीकी से प्रशिक्षण लिया। इसके बाद 20 लोगों के साथ मुनगे की पत्तियों की प्रोसेसिंग कर कई उत्पाद बनाए। रजनीश अवस्थी कहते हैं कि सुधांशु की लगन और मेहनत ने उन्हें अब पहचान दे दी है। एक एकड़ में किसान अकेले 12सौ से 15सौ किलो मुनगे की पत्ती का उत्पादन करते हैं।