बिलासपुर न्यूज़ धमाका – महिला डॉक्टर पूजा चौरसिया की मौत मामले में उच्च न्यायालय ने सीआईडी जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने आठ हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट को पेश करने को कहा है। जबकि, बेटी की मौत पर मां ने पुलिस के दमाद को बचाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
मृतक डॉक्टर पूजा चौरसिया की मां रीता चौरसिया ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए प्राइवेट फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच करवाई थी। इसमें पूजा के शरीर पर चोट के निशान मिले थे। जबकि पंखे और फंदे पर उसकी उंगलियों के निशान मिले थे।
जिम ट्रेनर को किया था गिरफ्तार
10 मार्च 2024 को दिला अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर पूजा चौरसिया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि पति डॉ अनिकेत कौशिश और जिम ट्रेनर सूरज पांडेय घायल डॉक्टर पूजा चौरसिया को एक निजी हॉस्पिटल लेकर गए थे।
वहीं, जिम ट्रेनर सूरज पर लगातार बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं, लेकिन वह इस दौरान पुलिस को गुमराह करता पाया गया। वहीं, पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जिम ट्रेनर सूरज पांडेय को गिरफ्तार किया था।
आत्महत्या नहीं हत्या हुई है- पूजा की मां
मृतका पूजा की मां ने याचिका में कहा था कि ससुर शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर और प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें संदेह है कि उनकी बेटी की सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है। पूजा की मां ने कहा कि यह सब उसके पति अनिकेत की मिलीभगत से किया गया है।
पुलिस ने मामले की ठीठ से जांच नहीं की और इसे आत्महत्या करार दे दिया। पुलिस ने इस मामले की जांच कर एक आरोप पत्र पेश किया है। इसमें जिम ट्रेनर सूरज पांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि उसके पति को आरोपी नहीं बनाया गया।
मां ने की निष्पक्ष जांच की मांग
पुलिस की कार्रवाई पर मृतका पूजा चौरसिया की मां रीता ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस पर उसके पति डॉ अनिकेत कौशिक को बचाने समेत कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने मौत के बाद प्राइवेट फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच भी करवाई थी और फिर पुलिस से शिकायत की थी। अब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तब उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
पूजा की मां ने याचिका में स्वतंत्र एजेंसी से इस मामले की जांच कराने की मांग की है। वहीं, याचिका में हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग की है। हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि मृतक भी एक एमबीएमबीएस डॉक्टर और विवाहित महिला थीं।
उसके शरीर पर जख्म के निशान मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है। एक विशेष जांच दल से इस मामले की जांच दोबारा करवाई जाए। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवार की बेंच ने तथ्यों को देखते हुए मामले की आगे की जांच CID से करवाने और 8 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।