बिलासपुर न्यूज़ धमाका – छत्तीसगढ़ में पहले डायरिया और मलेरिया के बाद अब प्रदेश में स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। शुक्रवार को बिलासपुर में इस बीमारी से 2 महिला मरीजों की मौत हो गई।
एक मरीज कोरिया और दूसरी जांजगीर की थी। दो महिलाओं की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं, लोगों से स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील की है।
डायरिया और मलेरिया के बाद अब बिलासपुर में स्वाइन फ्लू ने स्वास्थ्य विभाग का सिर दर्दी बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले नौ मरीजों की एच1एन1 वायरस (स्वाइन फ्लू) की जांच की गई थी।
इसमें से 7 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वाइन फ्लू पॉजिटिव दो महिला मरीजों की आज इलाज के दौरान मौत हो गई है। बता दें कि दोनों महिलाओं का इलाज अपोलो हॉस्पिटल में चल रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें एक मरीज कोरिया और दूसरी जांजगीर की थी। फिलहाल अपोलो में स्वाइन फ्लू के चार मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के मरीज के सामने आने के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक्टिव रहने के लिए कहा गया है। साथ ही इसकी जांच, इलाज और हॉस्पिटल में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वाइन फ्लू की वर्तमान स्थिति और इसके उपचार के रोकथाम को लेकर सीएमएचओ ने जानकारी देते हुए कहा कि तैयारियां पुख्ता हैं, वहीं उन्होंने शहरों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि भी की है।
मलेरिया और डायरिया का
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्वाइन फ्लू के खतरे के साथ मलेरिया और डायरिया के मामलों ने भी रफ्तार पकड़ी है। कोटा और रतनपुर में मलेरिया और डायरिया के प्रकोप ने स्थिति को और भी अधिक गंभीर बना दिया है।
प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और कलेक्टर, एसडीएम, सरकारी और निजी हॉस्पिटल मिलकर इस स्वास्थ्य संकट को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों में मरीजों की निगरानी और उपचार प्रक्रिया में सुधार शामिल है।
ऐेसे करें बचाव
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए घर में और मोहल्ले में स्वच्छता का पालन करना होगा। साथ ही छींकते समय अपनी नाक को ढंकना, खांसते समय रूमाल या फि टिशू का उपयोग करें। वहीं फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए आंख नाक या मुंह को छून से बचना चाहिए।
स्वाइन फ्लू होने पर करें ये काम
स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के उपचार में देरी नहीं होनी चाहिए की सलाह दी है, क्योंकि इससे आगे फिर उपचार में और भी अधिक परेशानी हो सकती है और जान जाने का खतरा भी हो सकता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह के रोगियों और शरीर के कमजोर होने या फिर गर्भावस्था जैसी स्थिति के साथ सीनियर सिटीजन को भी इससे अधिक सावधान रहने की जरूरत है।