सरकार के द्वारा लाख प्रयास किए जाने के बावजूद आज भी बस्तर के गांव में कोरोना की टीके को लेकर भ्रम, शंका तथा अविश्वास की स्थिति देखी जा रही है। इसलिए लोगों की शंकाओं का वैज्ञानिक तरीके से निराकरण करते हुए उन्हें जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जिले में यूनिसेफ, मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स व साथी समाज सेवी संस्था और जिला प्रशासन कोंडागांव के सहयोग से रोको अउ टोको अभियान चलाया जा रहा है।
घर घर जा कर दे रहे कोरोना से लडने की जानकारी – इस अभियान में एनसीसी एवं एनएसएस के युवा वॉलिंटियर्स नगर में विभिन्न वार्डों में घर घर जाकर एवं सार्वजनिक स्थानों यथा चैंक, मुख्य व्यापारिक स्थल, एटीएम, पर्यटन स्थल आदि जगहों पर जाकर राहगीरों को तथा उनके वाहनों को विनम्रता पूर्वक रोककर कोरोना की स्टैंडर्ड तयशुदा गाइडलाइन का पालन करने एवं अनिवार्य रूप से टीकाकरण के लिये प्रेरित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मां दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट परिसर मे एक संक्षिप्त समापन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम समाज सेवी संस्थान के संस्थापक व प्रसिद्ध समाजसेवी भूपेश तिवारी ने सभी वॉलिंटियर्स को कार्यक्रम के स्वरूप तथा क्रियाविधि के बारे में विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम में विशेष रुप से सम्मिलित मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के संस्थापक, तथा देश के सबसे बड़े किसान संगठन अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने रोको टोको कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए यह बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
कोरोना को हराने में युवाओं का बडा योगदान – युवा वॉलिंटियर्स का उत्साह बढ़ाते हुए डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि आपके प्रयासों से बहुत सारे लोगों की जान बच सकती है इसलिए आपका यह काम बेहद महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी का है ,और आप सब से इसे पूरी जिम्मेदारी एवं गंभीरता से निभाने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं कोरोना के दोनों टीके समय पर लगवा चुका हूं, तथा अपनी संस्थाओं के सभी सदस्य साथियों को भी नियमानुसार समय पर सारे टीके लगवाने के लिये प्रेरित भी कर रहा हूं। क्योंकि यह बीमारी समाज के लिए एकदम से नई है।
कोरोना टीका के भ्रम को दूर करना जरूरी – इसके टीके को लेकर अभी भी लोगों में कई तरह के भ्रम है, इसलिए इस तरह के जन जागरूकता के कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं। समाजसेवी संस्थाओं तथा जिला प्रशासन के द्वारा चलाए जा रहे हैं ऐसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हम सबको अपनी सक्रिय अवश्य भागीदारी निभानी चाहिए। सरकार के भरोसे बैठना ठीक नहीं – योंकि ऐसी भीषण आपदाओं से केवल सरकार के भरोसे नहीं बैठ कर नहीं लड़ा जा सकता। हम सबको आपस में मिलजुलकर तथा जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस वैश्विक आपदा से लड़ना होगा तथा इस नामुराद बीमारी को हर हाल में, पूरी तरह से पराजित करना होगा।