नई दिल्ली न्यूज़ धमाका /// आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भारत-मध्य एशिया सम्मेलन के तहत ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान , किर्गिजस्तान, कजाखस्तान और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपतियों के साथ बैठक होने जा रही है। पीएम मोदी बैठक में वर्चुअली हिस्सा लेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक कूटनीति के तेजी से बदल रहे समीकरणों को देखते हुए भारत के लिए इस बैठक की बहुत ज्यादा अहमियत है। लेकिन इसके साथ ही कई सारी चुनौतियां भी बताई जा रही हैं।
जब भारत आज पांच मध्य एशियाई देशों के साथ पहली शिखर बैठक की मेजबानी करेगा तब उसमें संपर्क, व्यापार, सहयोग के लिए एक संस्थागत ढांचे का निर्माण, और अफगानिस्तान की स्थिति के एजेंडे पर चर्चा होने की उम्मीद है। मध्य एशिया के कई देशों के साथ भारत के बहुत करीबी द्विपक्षीय संबंध हैं। भारत-कजाखस्तान व्यापार मध्य एशियाई क्षेत्र में सबसे अधिक है।
बताया जा रहा है कि सबसे बड़ी चुनौती चीन की ओर से ही मिलती दिख रही है। क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक से ठीक 48 घंटे पहले उक्त 5 देशों के राष्ट्रपतियों के साथ बैठक कर ली है। और चीन के द्वारा इन सभी देशों को भारी मदद देने की घोषणा भी की गई है। भारत की तरफ से इन देशों के सहयोग से कुछ नई परियोजनाओं का ऐलान करने की तैयारी है। इसके अलावा भी कई चुनौतियां हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि पहले भारत-मध्य एशिया सम्मेलन के तीन प्रमुख एजेंडे तय किए गए हैं। ये हैं कारोबार व कनेक्टिविटी, विकास कायरें में साझेदारी और सांस्कृतिक और आम जनों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना आदि।