
इंदौर,न्यूज़ धमाका :-सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर मंडी में कामकाज बेहद कमजोर देखने को मिला। मिलों की दलहन खरीदी भी जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं देखी गई जिससे चना कांटे के दाम में पच्चास रुपये की गिरावट आई । चना कांटा घटकर 5100 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। हालांकि ज्यादा मंदी की गुंजाइश कम है।
दरअसल, बेहतर बोवनी के सरकारी आंकड़ों के बावजूद कमजोर उत्पादकता ने कुल उत्पादन के समीकरण को गड़बड़ा दिया है। कमजोर यील्ड के चलते कीमतें ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है। देश के चना उत्पादक क्षेत्रों में नई फसल की आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है। हालांकि बीते वर्षों के मुकाबले वर्तमान प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को देखते हुए कीमतों में अब ज्यादा कमी की गुंजाइश नहीं है।
सूत्रों के अनुसार कुछ राज्यों में चने की सरकारी खरीदी चालू होने के बीच उत्पादक मंडियों में चने के मौजूदा भाव पर आगे का व्यापार अब लाभकारी रहने के आसार बनने लगे हैं। वर्तमान में देशी चने की आवक मध्यप्रदेश के इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, अशोकनगर, शिवपुरी, गुना एवं अन्य लाइनों में धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में मंडियों में आवक 28-30 फीसद तक कम बैठ रही है। अन्य दलहन में कामकाज सामान्य रहा। भाव में कोई खास परिवर्तन नहीं देखा गया।