कोण्डागांव कलेक्टर के माध्यम से महामहीम राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, महामहीम राज्यपाल, मुख्य मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन को कलेक्टर कार्यालय कोण्डागांव में पहुंचकर सीपीआई ने गया सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में लेख किया गया है कि छग राज्य के आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले बस्तर, कोण्डागांव, कांकेर, दन्तेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा तथा बीजापुर जिले में भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत पांचवी अनुसूची एवं पेषा कानुन लागु है। बस्तर संभाग के मुल निवासी अत्यन्त षांत व सरल स्वभाव के हैं, जिनमें से अधिकांष लोगों में अषिक्षा के कारण अच्छाई और बुराई को समझने की षक्ति नहीं के बराबर है,। जिस वजह से संविधान निर्माण किये जाने के दौरान भारतीय संविधान में मुल निवासियों के हितों को ध्याान में रखते हुए, संविधान निर्माताओं द्वारा विषेश प्रावधान किये गये हैं। बस्तर संभाग में कार्यरत निजी क्षेत्र की वित्तीय कम्पनियां प्राईवेट फायनेन्स कम्पनियां स्थानीय निवासियों को वाहन व अन्य सामान क्रय करने के नाम पर ऋण दिलाये जाने का प्रलोभन देती है तथा संबंधित व्यक्तियों को वाहन व अन्य सामान क्रय करने के नाम पर अंग्रेजी में अनुबंध पत्र तैयार करती है । उन्हें बैंक ले जाकर बैंक में खाता खुलवाती है। बैंक में खाता खुल जाने के पश्चात् कम्पनी के दलाल द्वारा बैंक से चेक बुक प्राप्त कर संबंधित व्यक्ति से कोरे चेकों पर हस्ताक्षर करवाकर दलालों के माध्यम से कम्पनी अपने कब्जे में रख लेती है। उसके बाद वाहन क्रय करने वाले व्यक्ति को स्थानीय वाहन डीलरों के माध्यम से वाहन प्रदाय किया जाता है। फिर निजी क्षेत्र की वित्तीय कम्पनियां व उसके दलाल अपना खेल प्रारम्भ कर देते हैं। वाहन क्रय करने वाला व्यक्ति अषिक्षित या कम पढ़ा लिखा होता है, जिसका फायदा उठाते हुये वित्त कम्पनी के दलालों द्वारा अदा की जाने वाली राषि के किष्त की कोई पावती रसीद प्रदाय नहीं की जाती है। वित्तीय कम्पनी के दलालों द्वारा इसी तरह वाहन या अन्य सामाग्री क्रय करने वाले व्यक्ति को चार-पांच किष्तों की राषि का कोई पावती रसीद प्रदाय नहीं किया जाता है, उसके बाद वित्तीय कम्पनी के दलालों द्वारा वाहन क्रय करने वाले व्यक्ति से जबरन वाहन छिन लिया जाता है। वाहन क्रय करने वाला व्यक्ति किसी तरह किष्त की राषि एकत्र कर वाहन लेने वित्त कम्पनी के कार्यालय जाता है, तो वाहन स्वामी को यह जानकारी दी जाती है कि कम्पनी द्वारा उक्त वाहन को अन्यत्र विक्रय कर दिया गया है, अब उक्त वाहन उन्हें वापस नहीं हो सकता है। उसके बाद वित्तीय कम्पनी के कर्मचारी वाहन क्रय करने वाले व्यक्ति से किष्त की षेश राषि प्राप्त करने के लिए दबाव बनाते हैं, नहीं देने पर मारपीट तक कर देते हैं। यही नहीं इन सब के बावजूद न्यायालय में चेक अनादरण का मामला भी प्रस्तुत कर वाहन स्वामी को प्रताड़ित करते हैं। निजी क्षेत्र की वित्तीय कम्पनियों द्वारा बस्तर संभाग में किये जा रहे ऐसे कृत्य से कई परिवार बरबाद हो चुके हैं। निजी क्षेत्र के वित्तीय कम्पनियों द्वारा किये जा रहे ऐसे कार्य की जांच होनी चाहिए। बस्तर संभाग में कार्यरत निजी क्षेत्र की वित्तीय कम्पनियों प्राईवेट फांयनेन्स कम्पनियों द्वारा किये गये फायनेन्स की जांचकर दोशियों के खिलाफ कानुनी कार्यवाही किए जाने की मांग तिलक पाण्डे जिला सचिव सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव के मार्गदर्षन में जयप्रकाष नेताम, बिसम्बर मरकाम, मुकेष मण्डावी, दिनेष मरकाम, षैलेष, नरेंद्र नेताम, प्रवीण कष्यप, धनर कष्यप, सुखचरण बघेल आदि द्वारा की गई है।
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